न्यूयॉर्क, ११ मार्च ।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व को परमाणु हथियारों के खतरे से आगाह किया है। कहा है कि विश्व के सामने यह खतरा किसी अन्य खतरे से ज्यादा बड़ा है। यह पर्यावरण में हो रहे बदलाव के खतरे से बहुत ज्यादा बड़ा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण बदलाव से जहां अगले 300 वर्षों में समुद्र का जलस्तर एक इंच का आठवां हिस्सा बढ़ेगा लेकिन परमाणु हथियार से विश्व का विनाश महज एक दिन में हो सकता है, वह दिन आने वाला कल भी हो सकता है। ट्रंप ने यह बात संडे मॉर्निंग फ्यूचर्स के साथ इंटरव्यू में कही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, परमाणु हथियार का खतरा किसी अन्य खतरे से विनाश की कल्पना से कहीं ज्यादा भयावह है। अगर कभी इसका इस्तेमाल हुआ तो यह पूरे विश्व को नष्ट कर सकता है।
ट्रंप ने उन लोगों की आलोचना की, जो पर्यावरण में बदलाव को बड़ा खतरा बताते हुए परमाणु हथियार के खतरे की लगातार अनदेखी कर रहे हैं। यूक्रेन युद्ध की चर्चा करते हुए ट्रंप ने वहां के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को एहसान न मानने वाला बताया। कहा कि अमेरिका ने यूक्रेन को 350 अरब डॉलर की मदद दी और यूरोपीय देशों ने महज 100 अरब डॉलर दिए, लेकिन जेलेंस्की उसके लिए अमेरिका का एहसान नहीं मानते हैं। बाइडन के शासनकाल में अमेरिका के धन का दुरुपयोग हुआ।
जेलेंस्की को इतनी बड़ी धनराशि उसी तरह दी गई जैसे कि एक बच्चे को चूसने के लिए लगातार कैंडी दी जाती है।यूक्रेन के साथ खनिज सौदे पर ट्रंप ने कहा, वह सोचते हैं कि सौदा होगा। यूक्रेन युद्ध के विषय में ट्रंप ने कहा, अगर वह अमेरिका के राष्ट्रपति होते तो यह युद्ध नहीं होता।

इसी प्रकार से इजरायल पर भी हमास का हमला नहीं होता। अफगानिस्तान से भी अमेरिकी सेना की वापसी अपमानजनक तरीके से नहीं होती।उन्होंने कहा कि इस सबके लिए राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडन की नीतियां जिम्मेदार थीं। वह स्थितियों को अच्छे तरीके से संभाल नहीं पाए। ट्रंप ने कहा, ईरान टूट रहा है। उसके पास जरूरी खर्चों के लिए धन नहीं है। अब वह हमास और हिजबुल्ला को धन नहीं दे पा रहा है।