
शिवरीनारायण। भगवान शिवरीनारायण मंदिर में भगवान श्रीरामचंद्र का जन्मदिवस मनाया गया। पूरे मंदिर परिसर को रंगीन फूल मालाओं और लाइटों से सजाया गया था। रामनवमी के बड़े त्योहार पर श्रद्धालुओं ने अपने दिन की शुरुआत मंदिरों में पूजा करके की। सुबह से ही शहर के सभी मंदिरों में भक्तों की भीड़ लग गई। भगवान शिवरीनारायण के दर्शन के लिए जिले के साथ-साथ दूसरे जिलों से भी बहुत सारे लोग पहुंचे। श्रद्धालुओं ने लाइन में लगकर भगवान के दर्शन और पूजन किए और अपने परिवार की सुख-शांति की प्रार्थना की। शाम को मंदिर परिसर में 1100 दीप जलाए गए।
भगवान शिवरीनारायण मंदिर के पुजारी पंडित चित्रसेन तिवारी, अजीतसेन तिवारी और आशीष तिवारी ने बताया कि रामनवमीं के अवसर पर भगवान का वैदिक मंत्रों के साथ शुद्ध जल, गंगाजल, दूध, दही, घी और पंचामृत से अभिषेक किया गया। भगवान को नए कपड़े पहनाए गए और सोने-चांदी के आभूषणों से सजाया गया। रंग-बिरंगे फूलों से भगवान श्री शिवरीनारायण का सुंदर और मनमोहक शृंगार किया गया। भगवान की विशेष पूजा अर्चना की गई। दोपहर ठीक 12 मंदिर परिसर में जमकर की गई आतिशबाजी इस अवसर पर मंदिर परिसर में जोरदार आतिशबाजी की गई। महाआरती के बाद स्तुति, मंगलगान और बधाई गीत गाए गए। भगवान के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर गूंज रहा था। भगवान को पंजरी, पंचामृत, नारियल, मिठाई, बूंदी के लड्डू, मौसमी फल, सिंघाड़ा, तिखुर, खीर, पूड़ी और मालपुआ का भोग लगाकर भक्तों को प्रसाद बांटा गया। शाम 7 बजे मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने 1100 दीये जलाए। इस अवसर पर जोरदार आतिशबाजी के साथ आकाश में आकाश दीप छोड़े गए। शाम 7.30 बजे भगवान की महाआरती करके विशेष प्रसाद बांटा गया।