
नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद आतंकियों और उनके आकाओं के खिलाफ भारत के सख्त रूख को देखते हुए पाकिस्तान को अब जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और लश्करे तैयबा प्रमुख हाफिज सईद की सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। डर का आलम यह है कि आइएसआइ ने मसूद अजहर को अपने भाई रउफ असगर और अन्य परिवार के सदस्यों के जनाजे में भी नहीं जाने दिया।
ऑपरेशन सिंदूर में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए
हमले में मेरे परिवार के 14 सदस्य मारे गए: मसूद अजहर
हमले में 100 से अधिक आतंकियों की मारे गए थे, जिनमें मसूद अजहर का भाई और जैश ए मोहम्मद का आपरेशनल प्रमुख रउफ असगर भी शामिल था। मसूद अजहर ने खुद स्वीकार किया था कि हमले में उसके परिवार के 14 लोग मारे गए थे। यह बताते हुए मसूद अजहर खुद के लिए मौत की कामना तक किया था। लेकिन उनके अंतिम संस्कार में वह कहीं नहीं दिखा। बताया जाता है कि आइएसआइ ने मसूद को जाने की इजाजत नहीं दी।
सुरक्षित ठिकानों पर छिपा है हाफिज सईद और अजहर मसूद
सूत्रों के अनुसार पुराने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक को देखते हुए आइएसआइ ने पहलगाम हमले के बाद आइएसआइ ने पीओके स्थित लॉंच पैड सहित सीमा से सटे कैंपों से आतंकियों को हटा लिया था। इसके साथ ही हाफिज सईद और अजहर मसूद को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया गया था। भारत के हमले में हाफिज सईद और मसूद अजहर भले ही बच गया हो, लेकिन आइएसएस को लग रहा है कि भारत भविष्य में भी इन्हें ढूंढकर मारने की कोशिश जरूर करेगा।