
बीते वर्षों में मार्च तक सूख जाता था तालाब
कोरबा। काफी समय के बाद पहली बार ऐसा हुआ जबकि शहर के मुड़ापार तालाब में गर्मी की शुरुआत के दौरान पानी की अच्छी मात्रा मौजूद है। लोगों के लिए यह हैरानी का विषय तो है ही, साथ ही वे इसे शुभ संकेत मान रहे हैं। सामूहिक कोशिशों से इस प्रकार की स्थिति शहरी क्षेत्र में बन सकी है।
मार्च के दूसरे पखवाड़े में जब तापमान का पारा 40 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है और जनजीवन पर इसके असर साफ महसूस हो रहे हैं, ऐसे में तालाबों की अच्छी स्थिति संकेत देती है कि पूर्व में की गई कोशिशों को आखिरकार सार्थक किया जा सका। शारदा विहार वार्ड में शामिल मुड़ापार तालाब के संरक्षण को लेकर वर्ष 2024 में नगर निगम के साथ-साथ नागरिकों ने अपनी ओर से प्रयास किए। ऐसे स्थानों को बंद किया गया जहां से गंदा पानी यहां तक पहुंचता था। 2024 में औसत से कहीं ज्यादा वर्षा होने पर अलग-अलग क्षेत्र से पानी की पहुंच यहां तक कराई गई। ऐसे इंतजाम किए गए जिससे वर्षा जल का केवल संचयन हो और उसे बर्बाद होने से बचाया जा सके। पूर्व पार्षद जितेन्द्र गुप्ता ने बताया कि इस तालाब के जरिए काफी लोग निस्तार करते हैं। विभिन्न सामाजिक और धार्मिक कार्यों के लिए भी लोगों की निर्भरता यहां पर है। इस बात को ध्यान में रखते हुए तालाब के उपरी हिस्से में बोर भी कराया गया। समय-समय पर इसके जरिए लोगों की जरूरत पूरी होती है और तालाब की प्यास भी बुझाई जाती है। हालिया स्थिति इससे भी काफी हद तक संभव हुई है। मौजूदा पार्षद सुशीला साहू के अनुसार तालाब को संरक्षित करने के लिए जतन किए जा रहे हैं ताकि लोगों को हर समय इससे सुविधा मिलती रहे। नगर निगम की ओर से पिछले वर्षों से सरोवर-धरोहर योजना के अंतर्गत तीन करोड़ रुपए यहां खर्च किए गए थे। गहरीकरण, रिटर्निंग वाल और स्ट्रीट लाइट यहां पर लगाई गई। अभी भी कुछ काम कराने बाकी है।