नई दिल्ली। पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सशस्त्र बलों की स्ट्राइक के दौरान धमाकों से आसमान लाल हो गया। इसके बाद फिर आकाश की लाली खत्म हुई तो अंधेरे में टिमटिमाती रोशनी के बीच फिर फाइटर जेट की गूंज सुनाई देने लगी। इस बीच पहलगाम आतंकी हमले के पीडि़त परिवारों के बयान भी आने लगे। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का स्वागत किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और भारतीय सशसत्र बलों को सलाम किया। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों के हमले में मारे गए एन. रामचंद्रन की बेटी आरती का दर्द बुधवार को भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर से कुछ कम हुआ। उनको हुए नुकसान को कोई नहीं पूरी करता, लेकिन अब उन्हें इस बात की तसल्ली है कि गुनहगारों को सख्त सजा मिल गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे उनके सामने मारे गए लोगों के परिवारों को कुछ राहत मिलेगी। उन्होंने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी शिविरों पर मिसाइल हमलों के लिए प्रधानमंत्री, भारतीय सेना और सरकार को सलाम किया। वहीं आरती के पिता को 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में छुट्टियां मनाते समय आतंकवादियों ने उनके सामने ही मार दिया था आरती ने यह भी कहा कि मिशन के लिए ऑपरेशन सिंदूर के बेहतर कोई नाम नहीं हो सकता था। आतंकवाद का इससे बेहतर कोई जवाब नहीं हो सकता था, जिसने हमारे सामने हमारे पिता, भाई या पतियों को मार डाला।
उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों को इस ऑपरेशन से राहत मिली होगी। ऑपरेशन सिंदूर से हिमांशी नरवाल सहित सभी पीडि़तों के परिवारों को कुछ राहत और सुकून मिला होगा। हिमांशी के पति भी आतंकी हमले में मारे गए लोगों में से एक थे और उनके पति के शव के पास बैठी उनकी तस्वीर इस घातक घटना की भयावह याद बन गई थी। मृतक संतोष जगदाले की बेटी असावरी जगदाले ने इस भयावह आतंकवादी हमले में निर्दोष लोगों की जान जाने का बदला लेने के लिए सरकार और भारतीय सेना के प्रयासों की सराहना की। असावरी ने कहा कि कई लोगों ने अपने पति और पिता को खो दिया है, लेकिन यह व्यर्थ नहीं गया। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू करके पहलगाम आतंकवादी हमले के पीडि़तों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है और न्याय दिया है।