नागपुर। विश्व के पुनर्निर्माण में भारत की प्राचीन ज्ञान प्रणालियों की महत्ता पर जोर देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि आज दुनिया समाधान के लिए भारत की तरफ देख रही है।वैदिक गणित पर एक पुस्तक का विमोचन करते हुए भागवत ने वैश्विक कल्याण के लिए आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान के साथ पांरपरिक भारतीय ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। हमारे शास्त्रों में निहित ज्ञान ना केवल भारतीय ज्ञान प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह वैश्विक संदर्भ में भी बहुत मूल्यवान है।उन्होंने कहा कि दुनिया काफी लंबे समय से समाधान के लिए भारत की ओर देख रही है और आज यह मांग और भी ज्यादा बढ़ गई है क्योंकि उन्हें कोई अन्य समाधान नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर भारत विश्व का नेतृत्व करना चाहता है तो इसे पिछले दो हजार वर्षों में विकसित ज्ञान पर विचार करना चाहिए। भागवत बोले, यह परिदृश्य अधूरा और विफल रहा है। इस अधूरेपन को पूर्ण करने के लिए हमारे आंतरिक मूल्यों के आधार पर हमारे शास्त्रों की पुन: जांच और पुनर्निर्माण करने के साथ राष्ट्र की उन्नति हेतु आज के संदर्भ में उनका असरदार ढंग से उपयोग करना आवश्यक है।