
जैजैपुर । जिले के जैजैपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत चोरभट्टी में सोननदी के किनारे स्थित शासकीय भूमि पर बड़े पैमाने पर अवैध ईंट भट्टों का संचालन किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार यहां करीब 50 से 60 ईंट भट्टे संचालित हैं, जिनमें चोरी के कोयले का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही नदी तट पर भारी मात्रा में राखड़ (फ्लाई ऐश) का अवैध भंडारण कर खुलेआम कारोबार किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण और राजस्व दोनों को गंभीर क्षति पहुंच रही है। इस अवैध
गतिविधि को लेकर शिकायत मिलने के बाद सक्ति एसडीएम द्वारा तहसीलदार जैजैपुर के माध्यम से जांच टीम गठित की गई थी। जांच टीम ने मौके पर पहुंचकर केवल 8 ईंट भट्टों की जांच कर औपचारिकता निभाई। जांच में यह स्पष्ट रूप से
सामने आया कि जिन भट्टी की जांच की गई, वे सभी शासकीय भूमि पर अवैध रूप से संचालित पाए गए। जांच रिपोर्ट सामने आने के बावजूद एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी न तो अवैध ईंट भट्टों को बंद कराया गया और न ही दोषियों के
खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की गई। कार्रवाई न होने से कोयला और राखड़ माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और अवैध ईंट भट्टों का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। इस पूरे मामले में जब खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से दूरभाष के माध्यम से संपर्क कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, तो किसी भी अधिकारी ने फोन रिसीव नहीं किया। अधिकारियों की यह चुप्पी मामले को और भी संदेहास्पद बना रही है।
खनिज विभाग की भूमिका पर सवाल
अवैध खनन, चोरी के कोयले के उपयोग और राखड़ के गैरकानूनी भंडारण को रोकने में खनिज विभाग पूरी तरह नाकाम नजर आ रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभाग की चुप्पी केवल लापरवाही नहीं, बल्कि मिलीभगत की आशंका को जन्म देती है। यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए तो शासकीय भूमि पर अवैध कब्जों और पर्यावरणीय नुकसान का यह सिलसिला और भयावह हो सकता है।
















