
नईदिल्ली, 0३ सितम्बर ।
भारत की सर्वोच्च मानवाधिकार संस्था चार सितंबर को ट्रांसजेंडर के अधिकारों पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगी। इसका उद्देश्य परिवर्तनकारी बदलाव लाना है जिससे समुदाय के प्रत्येक सदस्य को सम्मानपूर्वक जीवन जीने और समान अवसरों तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने कहा कि वह इस बात में दृढ़ विश्वास रखता है कि ट्रांसजेंडर को समाज में शामिल करना केवल कानूनी या संस्थागत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि नैतिक कर्तव्य भी है। एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वी. रामसुब्रमण्यन इंडिया हैबिटेट सेंटर में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों पर आयोजित होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि होंगे। आयोग ने कहा है इस सम्मेलन का आयोजन कर वह एक परिवर्तनकारी बदलाव का रास्ता बनाना चाहता है, ताकि भारत में हर ट्रांसजेंडर व्यक्ति सम्मानपूर्वक जीवन जी सके।