
जांजगीर-चांप। जिले में शिक्षक संवर्ग युक्तियुकरण के लिए तैयार की गई अतिशेष शिक्षकों की सूची में विकास खंड नवागढ में कला संकाय में नियुक्त शिक्षकों को कला संकाय में शामिल किया है जबकि बलौदा बमहनीडीह अकलतरा में कला संकाय में नियुक्त शिक्षकों को उनके स्नातक विषय के आधार पर हिंदी में शामिल किया गया ह।
, जेडी बिलासपुर ने इस बिंदु को आधार बनाकर विकास खंड के शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन को निरस्त कर दिया है तो यदि नवागढ की सूची सही है तो फिर विकास खंड बलौदा अकलतरा बमहनीडीह की सूची गलत हो गई, एक ही जिले में अलग अलग-अलग नियम बनाकर शिक्षकों को अतिशेष बताकर जिले से बाहर मुगेली जिले में पदस्थ किया जाना क्या न्याय संगत है जबकि जिले में ही 109 पद रिक्त है जिले की शिक्षक संवर्ग अतिशेष की सूची
दूषित होने के कारण निरस्त करने योग्य है, जिला प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है और प्रभावित शिक्षकों के साथ न्याय किया जाना आवश्यक है, चर्चा नहीं करते हुए शिक्षकों को भटकाना उचित नहीं है शिक्षकों ने बताया कि युक्तियुक्तकरण की प्रकिया में घोर लापरवाही बरती गई है। शासन स्कूल शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण के संबंध में जारी निर्देशों की अवहेलना तो हुई ही है, साथ में छग शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों, संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों की भी धज्जियां उड़ाते हुए विकासखंड एवं जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा स्वेच्छाचारिता की गई है। इसके कारण जिले के शिक्षक मानसिक रूप से प्रताडि़त हैं। काउंसिलिंग के लिए जितने शिक्षक अतिशेष हैं, उतनी ही संख्या में शिक्षक विहीन, एकल शिक्षकीय एवं अधिक दर्ज संख्या वाले विद्यालयों को दर्शित किया जाए, किन्तु यहां
यह ध्यान में रखा जाएगा कि सभी शिक्षक विहीन विद्यालयों एवं इसके बाद सभी एकल शिक्षकीय विद्यालयों को अनिवार्य रूप से दर्शित किया जाए। अधिक दर्ज संख्या वाले विद्यालयों को दर्शित किया जाए। इस निर्देश का पालन जांजगीर-चांपा जिला में नहीं किया गया है जिला जांजगीर-चांपा में बहुत सारे ऐसे पूर्व माध्यमिक शाला है, जहां 105 तक की दर्ज संख्या में 1 प्रधानपाठक और सिर्फ 2 शिक्षक पदस्थ हैं। यहां नियमानुसार 1 शिक्षक की अतिरिक्त पदस्थापना करनी थी, जो कि नहीं की गई। 109 शिक्षकों को गलत तरीके से जिले से बाहर भेज दिया गया। जिला जांजगीर-चांपा में बहुत सारे ऐसे पूर्व माध्यमिक शाला है, जहां 105 तक की दर्ज संख्या में 1 प्रधानपाठक और सिर्फ 2 शिक्षक पदस्थ हैं। यहां नियमानुसार 1 शिक्षक की अतिरिक्त पदस्थापना करनी थी, जो कि नहीं की गई। 109 शिक्षकों को गलत तरीके से जिले से बाहर भेज दिया गया।
कुल अतिशेष सहायक शिक्षक 435 तथा रिक्त पद 253 बताया गया एवं शेष पदों पर लेन-देन करने के उद्देश्य से प्रकाशित नहीं किया गया। असहमति वाले सहायक शिक्षकों को विकासखंड में पद रहते हुए भी अन्य विकासखंड में पदस्थ किया गया है, जो पूरी तरह से शासन के नियम के विरूद्ध है। नियम के मुताबिक विकासखंड स्तरीय समिति द्वारा दर्ज संख्या के अनुपात में विद्यालयवार सूची तैयार की गई। जिससे जिले में जितने अतिशेष शिक्षक चिन्हांकित थे, उतनी संख्या में पद उपलब्ध होने के बाद भी उन्हें जिले से बाहर भेज दिया।