भोपाल, 0२ अप्रैल ।
नक्सली गतिविधियों को रोकने, जांच व उनके विरुद्ध आपरेशन के लिए प्रदेश में स्टेट इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एसआईए) का गठन किया गया है। पुलिस मुख्यालय की सीआईडी शाखा के आइजी स्तर के अधिकारी को इसका प्रमुख बनाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि नक्सल प्रभावित अन्य राज्यों में भी इसी तरह की जांच एजेंसी बनाई गई है। यह केंद्र की नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए ) की तरह काम करेगी। एनआईए का गठन देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों पर कार्रवाई के लिए किया गया है। केंद्र सरकार के निर्देश पर महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में इसका गठन किया जा चुका है। नक्सलियों ने इन तीनों राज्यों को मिलाकर एक जोन (एमएमसी) बनाया है। बता दें, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च, 2026 तक नक्सल समस्या पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है। एसआईए का गठन इसी दिशा में एक प्रयास है। इसका मुख्य काम नक्सलियों के नेटवर्क का पता लगाना। उन्हें आर्थिक सहायता कहां से मिल रही है। नक्सलियों द्वारा उपयोग किए जा रहे हथियार उन तक कैसे पहुंच रहे हैं। नए नक्सलियों की भर्ती का तरीका, ग्रामीणों से संपर्क की रणनीति, बड़ी नक्सली घटनाओं की जांच से संबंधित रहेगा।
मध्य प्रदेश एसआईए नक्सल गतिविधियों की रोकथाम में एनआईए का भी सहयोग लेगी। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि एसआईए ने काम करना प्रारंभ कर दिया है। बता दें कि प्रदेश में नक्सल प्रभावित बालाघाट, मंडला और डिंडोरी 65 से 70 नक्सली सक्रिय हैं। इनमें लगभग आधी महिलाएं हैं। यह नक्सली मूल रूप से छत्तीसगढ़ या महाराष्ट्र के हैं। मप्र के मात्र तीन ही हैं। पुलिस का प्रयास है कि यह नक्सली या तो आत्मसमर्पण कर दें या मार दिया जाए। नई भर्ती नहीं होने पाए, यह भी पुलिस की कोशिश है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर में निर्माण कार्यों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जिला निर्माण समिति का गठन किया जाएगा। राज्य सरकार ने इसकी स्वीकृति दे दी है।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट कहा है कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनता के पैसे से चलने वाले कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। इसी तारतम्य में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जिला निर्माण समिति के गठन के संबंध में आदेश जारी किया गया है। समिति के अध्यक्ष कलेक्टर रहेंगे। एसपी, सीईओ जिला पंचायत, डीएफओ, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री, जिला कोषालय अधिकारी व संबंधित कार्य के जिला प्रमुख अधिकारी सदस्य रहेंगे। जिला निर्माण समिति का कार्य क्षेत्र संपूर्ण राजस्व जिला होगा।