
कोरिया बैकुंठपुर। कोरिया जिले के सर्वांगीण विकास को लेकर अब आम जनता और बुद्धिजीवी वर्ग सक्रिय होना जरूरी है जिससे जिले के समुचित विकास के लिए कुछ महत्वपूर्ण संस्थाओं और उद्योगों की स्थापना तत्काल आवश्यक है। लोगों का कहना है कि यदि इन बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जाए तो कोरिया न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि रोजगार और औद्योगिक विकास में भी राज्य के अग्रणी जिलों में शामिल हो जाएगा।
स्थानीय बुद्धिजीवियों और समाजसेवियों ने कहा गया है कि कोरिया जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना समय की मांग है। वर्तमान में जिले के युवाओं को मेडिकल शिक्षा के लिए बिलासपुर, रायपुर या अम्बिकापुर तक जाना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज खुलने से जिले के विद्यार्थियों को सुविधा तो मिलेगी ही, साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में भी व्यापक सुधार आएगा। इसी तरह संभाग मुख्यालय की मांग भी लंबे समय से उठती रही है। नागरिकों का कहना है कि प्रशासनिक दृष्टि से कोरिया को संभाग का दर्जा मिलना चाहिए, जिससे शासकीय कार्यों में तेजी आए और लोगों को जिला मुख्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। शिक्षा के क्षेत्र में जिले में कॉलेज, लॉ कॉलेज, फिजियोथेरेपी कॉलेज तथा उद्यानिकी कॉलेज की स्थापना का सुझाव दिया गया है। यह संस्थान न केवल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाएंगे बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेंगे। साथ ही नालंदा विश्वविद्यालय का परिसर यदि कोरिया में स्थापित किया जाए तो यह जिले के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि साबित होगी। स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए एम्स अस्पताल (्रढ्ढढ्ढरूस् हॉस्पिटल) की मांग भी प्रमुखता से रखी गई है। वर्तमान में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए मरीजों को कई सौ किलोमीटर दूर जाना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की हानि होती है। एम्स जैसी सुविधा उपलब्ध होने से न केवल जिले के बल्कि आसपास के इलाकों के लोगों को भी राहत मिलेगी। इन संस्थानों के साथ-साथ नागरिकों ने कोरिया जिले में उद्योगों और कारखानों की स्थापना की भी मांग की है। उनका कहना है कि जिले में प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं, परंतु उद्योगों की कमी के कारण यहां के युवा रोजगार से वंचित हैं। यदि कुछ प्रमुख उद्योगों और उत्पादन इकाइयों की स्थापना की जाए, तो न केवल बेरोजगारी घटेगी बल्कि आर्थिक विकास भी तेज़ी से होगा। जनता का कहना है कि इन मांगों को पूरा करने के लिए सभी वर्गों को एकजुट होकर आवाज उठानी होगी। सामूहिक पहल और जनदबाव से ही यह सपने साकार हो सकते हैं। लोगों ने जिले के जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों से भी आग्रह किया है कि वे इस दिशा में ठोस कदम उठाएं। अंत में नागरिकों ने कहा कि यदि कोरिया का विकास चाहिए, तो शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग के क्षेत्र में निवेश जरूरी है। उन्होंने जिलेवासियों से अपील की कि वे इस मांग के समर्थन में आगे आएं और जय कोरिया, जय छत्तीसगढ़ के नारे के साथ विकास यात्रा में भागीदार बनें।