क्यूआर कोड से मिली पारदर्शिता की नई राह

कोरिया। कोरिया जिले में तकनीक के प्रति ग्रामीण श्रमिकों की बढ़ती रुचि ने पारदर्शिता और सुशासन का एक नया उदाहरण स्थापित किया है। कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के निर्देशानुसार रविवार को जिले की सभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा प्रावधानों के अनुरूप ‘रोजगार दिवस’ का आयोजन किया गया। यह आयोजन इसलिए विशेष रहा क्योंकि मनरेगा श्रमिकों ने स्वयं पंचायतों में लगाए गए क्यूआर कोड स्कैन कर सभी कार्यों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
डिजिटल तकनीक से जुड़े श्रमिकों का यह उत्साह ग्रामीण व्यवस्था में एक सकारात्मक संदेश दे रहा है कि मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजनाएँ अब पूरी तरह पारदर्शी, सुलभ और साक्ष्य-आधारित हो रही हैं। मनरेगा प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रति माह 7 तारीख को रोजगार दिवस मनाया जाता है। इस दिन श्रमिकों से संवाद, जानकारी साझा करना तथा योजना संबंधी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं।
रोजगार दिवस के अवसर पर पंजीकृत श्रमिकों को।कार्य की मांग करने, मजदूरी भुगतान की स्थिति जानने, बैंक खाते से संबंधित विवरण प्राप्त करने, जॉब कार्ड आवेदन या संशोधन कराने जैसी सुविधाएँ प्रदान की गईं। ग्राम पंचायतों में लगाए गए क्यूआर कोड पारदर्शिता को नए स्तर पर ले जा रहे हैं। इस आयोजन में। हजारों श्रमिकों ने अपने पंचायत के सभी मनरेगा कार्यों की जानकारी मोबाइल से स्कैन कर प्राप्त की, ग्रामवासियों को भी डिजिटल जानकारी प्राप्त करने के तरीके बताए गए, तकनीकी सहायकों ने क्यूआर कोड के उपयोग और महत्व पर विस्तार से समझाया। राज्य स्तरीय निर्देशों के अनुसार रोजगार दिवस में अजीविका डबरी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। ग्रामवासियों ने उत्साहपूर्वक इसकी सबसे अधिक मांग दर्ज कराई।
कार्य की मांग लेकर मास्टर रोल जारी किए गए और आवश्यक प्रक्रियाएं पूर्ण की गईं। सीईओ जिला पंचायत डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी के निर्देशानुसार जिले के सभी एपीओ, जनपदों के कार्यक्रम अधिकारी तथा तकनीकी सहायक आयोजित रोजगार दिवस में सक्रिय रूप से सम्मिलित हुए। उन्होंने श्रमिकों को तकनीक से जोडऩे, क्यूआर कोड उपयोग तथा मनरेगा प्रक्रियाओं की विस्तृत समझ प्रदान की।

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