
नईदिल्ली। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने कहा कि वह 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के सभी सात आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ पीडि़तों द्वारा दायर अपील पर जवाब दाखिल करने पर विचार कर रही है। महाराष्ट्र सरकार और केंद्रीय जाँच एजेंसियों, आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) या एनआईए, दोनों में से किसी ने भी पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर, सेवारत और हाल ही में पदोन्नत कर्नल प्रसाद पुरोहित और पाँच अन्य को मामले से बरी किए जाने को चुनौती देने वाली अपील दायर नहीं की है। जब पीडि़तों द्वारा दायर अपील मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम ए. अंखड की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई, तो अदालत ने एजेंसियों से पूछा कि क्या वे कुछ लिखित दलीलें दाखिल करना चाहती हैं। एनआईए की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा, हम इस पर विचार कर रहे हैं। पीठ ने पाया कि कुछ बरी किए गए लोगों को अभी तक नोटिस नहीं दिए गए हैं और इसलिए वे अदालत में पेश नहीं हुए हैं। पीठ ने निर्देश दिया कि पुलिस उन दो आरोपियों को नोटिस तामील कराने में मदद करे जो अपील दायर करने के बाद भी अदालत में पेश नहीं हुए हैं।


















