भगोड़े बिल्डर शाश्वत गर्ग पर अब ED कसेगी शिकंजा, निवेशकों से करोड़ों की ठगी के मामले मनी लांड्रिंग की होगी जांच

देहरादून। निवेशकों से करोड़ों रुपये ठगकर फरार बिल्डर शाश्वत गर्ग के विरुद्ध अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मनी लांड्रिंग के तहत जांच शुरू करने की तैयारी कर ली है। ईडी को प्राथमिक जांच में बड़े पैमाने पर धन के संदिग्ध लेन-देन और निवेशकों की रकम को अन्य माध्यमों से इधर-उधर करने के संकेत मिले हैं। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, शाश्वत गर्ग द्वारा निवेशकों से एकत्र की गई भारी धनराशि को विभिन्न फर्जी कंपनियों, बेनामी खातों और अचल संपत्तियों में निवेश किया गया है।

अब ईडी इस पूरे नेटवर्क की परत-दर-परत जांच करेगी और मनी लांड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई संभव है।
मसूरी रोड स्थित आर्केडिया हिलाक्स परियोजना में निवेशकों को फ्लैट आवंटन व फर्जी तरीके से बैंक लोन लेकर करोड़ों रुपये हड़पकर फरार बिल्डर शाश्वत गर्ग व उनके परिवार के मामले में राजपुर और रानीपोखरी थाना पुलिस के साथ ही पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल की ओर से गठित की गई आर्थिक अपराध इकाई पहले से जांच कर रही हैं। तीन दिन पहले ही पुलिस ने फरार बिल्डर शाश्वत गर्ग, पत्नी साक्षी गर्ग व शाश्वत के पिता प्रवीण गर्ग विरुद्ध लुक आउट सर्कुलर जारी किया था। तीनों आरोपितों के पासपोर्ट पहले ही निरस्त किए जा चुके हैं। आरोपितों के नेपाल भागने के प्रमाण मिले हैं, ऐसे में पुलिस टीम इस आशंका की जांच भी कर रही है। पुलिस के साथ ही अब मामला ईडी तक पहुंच गया है। ईडी निवेशकों की राशि के स्रोत, उसके उपयोग और विदेशों में संभावित निवेश की भी जांच करेगी। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही शाश्वत गर्ग और उससे जुड़े लोगों की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया जा सकता है।

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