भुबनेश्वर: ओडिशा अब भारत का खनिज केंद्र नहीं रह गया है, बल्कि यह एक विविधतापूर्ण औद्योगिक केंद्र बन रहा है, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रविवार को कहा। माझी ने अपनी सरकार की पहली वर्षगांठ से पहले लोक सेवा भवन में उद्योगपतियों से बातचीत करते हुए यह बयान दिया। उन्होंने कहा, “ओडिशा अब केवल खनिज और धातु केंद्र नहीं रह गया है। हम एक विविधतापूर्ण औद्योगिक केंद्र बन रहे हैं, जहां बंदरगाह से लेकर संयंत्र और शहरों से लेकर हर आकांक्षी जिले तक अवसर उपलब्ध हैं।” उन्होंने कहा कि राज्य 20 क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है – खनन, धातु विज्ञान और धातु डाउनस्ट्रीम से लेकर रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, परिधान और वस्त्र में उभरते अवसरों तक। माझी ने उद्योगों की मदद के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बताया।

उन्होंने कहा, “एक साल पहले, ओडिशा के लोगों ने हम पर भरोसा जताया था कि हम एक ऐसा भविष्य बनाएंगे जो समावेशी, आकांक्षी और परिवर्तनकारी हो। आज, जब हम इस पहले वर्ष पर विचार करते हैं, तो हम अपनी प्रगति और आगे की यात्रा के लिए नई प्रतिबद्धता पर गर्व करते हैं।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित कर रही है और उद्योगपतियों से राज्य को औद्योगिक महाशक्ति बनाने की यात्रा में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “पिछले वर्ष ही 206 बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई – जो पिछले पांच वर्षों के औसत से लगभग दोगुनी है। इनका कुल निवेश मूल्य 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है और इनमें लगभग 2.9 लाख रोजगार की संभावना है।”