
जांजगीर-चांपा। सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ एक महिला डॉक्टर की शिकायत पर चार महीने बाद भी न जांच हुई और न ही किसी तरह की कार्रवाई हुई। अब फिर एक उसी दफ्तर के एक इंजीनियर ने दूसरी शिकायत सितंबर माह में की थी वह शिकायत भी एसी व कलेक्टर दफ्तर में धूल फांक रही है।
इस मामले में पूछताछ हुई लेकिन उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। इससे यह साबित होता है कि एक डीपीएम के रसूख के आगे बड़े अफसर भी नत मस्तक हैं। शिकायतकर्ता चेतन बघेल का आरोप है कि डीपीएम की पत्नी सत्ताधारी पार्टी की नेत्री है। इसके चलते हर जांच में आंच पहुंचाने में कामयाब हो जाता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में पदस्थ बायो मेडिकल इंजीनियर (एनएचएम) चेतन बघेल वर्ष 2022 से पदस्थ हैं। चेतन बघेल का कहना है कि वह अपना हर कार्य निष्ठापूर्वक करता उनकी देखरेख में चिकित्सकीय है। उपकरणों की मरम्मत एवं सम्पूर्ण देख रेख किया जाता है। ताकि उपचार में मशीनों के वजह की वजह से वाधा उत्पन्न न हो। लेकिन डीपीएम उत्कर्ष तिवारी द्वारा अपने कक्ष में बुलाकर अपशब्द बोलना, अभद्र व्यवहार करना, अन्य कर्मचारियों के सामने बेईज्जती करना, नौकरी से निकालने की बार बार धमकी देना आम बात हो गई है।
चेतन बघेल का कहना है कि वह अनुसूचित जाति वर्ग का है। इसके कारण उनकी जाति पर भी टिप्पणी करना, योग्यता, पद एवं कार्य पर टिप्पणी कर मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। इसकी लिखिल शिकायत चेतन ने 23 सितंबर 2025 को एसपी आफिस, कलेक्टर व अजाक थाने में दी है। लेकिन आज इस मामले में डीपीएम के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। इससे चलते वह मानसिक रूप से परेशान है। इतना ही नहीं उन्हें आए दिन नौकरी ने निकाल देने की धमकी दी जाती है। सीआर खराब होने की बात कही जाती है। इससे वह भयभीत है। चेतन का यह भी कहना है कि यदि प्रताडऩा से उसकी मानसिक स्थिति खराब हुई तो डीपीएम उत्कर्ष तिवारी जिम्मेदार होंगे।
















