
नई दिल्ली। हर संसदीय सत्र की तरह ही सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र पर भी आशंकाओं के बादल घने हो गए हैं कि इसका अधिकतर समय हंगामे और अवरोधों की भेंट चढ़ सकता है। विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए के घटक दलों की आनलाइन बैठक में शनिवार को रूपरेखा बन ही गई थी।
सर्वदलीय बैठक में भी विपक्षी दलों के नेताओं, खास तौर पर कांग्रेस की ओर से स्पष्ट कर दिया गया कि आपरेशन सिंदूर, अमेरिकी राष्ट्रपति के दखल के दावे व बयान से लेकर बिहार में मतदाता सूची सघन पुनरीक्षण और मणिपुर जैसे मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ही जवाब चाहिए। स्पष्ट है माहौल क्या होगा। इधर, सरकार की ओर से कह दिया गया है कि वह हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन नियम और परंपराओं के अनुसार।
जेपी नड्डा की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक प्रस्तावित है। सत्र के सुचारु संचालन की मंशा और परंपरा के अनुरूप रविवार को संसद भवन एनेक्सी में राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई।
डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली इस बैठक में भाजपा और राजग दलों के साथ ही कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बैठक के बाद लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कांग्रेस की ओर से उठाए गए मुद्दों को साझा किया।