नईदिल्ली, 0३ अप्रैल ।
एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान वक्फ संशोधन विधेयक की कॉपी फाड़ दी। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए वक्फ बिल के खिलाफ सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस में भाग लेते हुए ओवैसी ने महात्मा गांधी का उदाहरण दिया, जब वे दक्षिण अफ्रीका में थे। उन्होंने कहा कि अगर आप इतिहास पढ़ेंगे, तो आप देखेंगे कि उन्होंने (महात्मा गांधी ने) श्वेत दक्षिण अफ्रीका के कानूनों के बारे में कहा था, मेरी अंतरात्मा इसे स्वीकार नहीं करती और उन्होंने इसे फाड़ दिया।आगे बोले कि गांधी की तरह, मैं भी इस कानून को फाड़ रहा हूं। यह असंवैधानिक है। भाजपा इस देश में मंदिर और मस्जिद के नाम पर विभाजन पैदा करना चाहती है। मैं इसकी निंदा करता हूं और आपसे 10 संशोधनों को स्वीकार करने का अनुरोध करता हूं। वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने लोकसभा में चल रही बहस के दौरान कहा कि असदुद्दीन ओवैसी इस विधेयक को असंवैधानिक कहते हैं, लेकिन उन्होंने विधेयक को फाडक़र असंवैधानिक काम किया है… मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि विधेयक क्यों फाड़ दिया। तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और शिवसेना यूबीटी जैसे विपक्षी दलों ने भी विधेयक के कई प्रविधानों का विरोध किया। गौरव गोगोई ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि कांग्रेस वक्फ में सुधारों के खिलाफ नहीं है, लेकिन इस बिल में कई ऐसे प्रविधान हैं जिनका राजनीतिक उद्देश्य है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि सरकार मुसलमानों को धार्मिक प्रमाण पत्र देगी तो क्या अन्य धर्मों से भी प्रमाण पत्र मांगे जाएंगे।
उन्होंने जेपीसी में व्यापक चर्चा के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रिजीजू के दावों को भ्रामक बताते हुए कहा कि विपक्षी सांसदों के सुझावों को नजरअंदाज किया गया और ऐसे लोग भी चर्चा के लिए आए जिन्हें वक्फ की कोई जानकारी नहीं थी।कांग्रेस नेता ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह मुस्लिम महिलाओं और बच्चों के प्रति संवेदनशीलता का दिखावा कर रही है, जबकि उसका असली मकसद सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करना है। उन्होंने संघ परिवार के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल न होने के मुद्दे पर सत्तापक्ष को घेरा। गोगोई ने कहा कि जिस कौम ने 1857 में मंगल पांडे के साथ बलिदान दिया और भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया, भाजपा उसकी प्रतिष्ठा को धूमिल करना चाहती है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक संविधान विरोधी है। सरकार वक्फ संपत्तियों को छह महीने के भीतर कैसे पंजीकृत कर सकती है, जबकि पिछले 10 वर्षों में यह कार्य नहीं किया जा सका।