
नई दिल्ली। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से सीजफायर को लेकर चल रही बातचीत मंगलवार को विफल हो गई। दोनों देशों के सरकारी मीडिया ने एक-दसरे पर वार्ता तोड़ने का दोष मढ़ा। तीन पाकिस्तानी अधिकारियों ने एपी को बताया कि वार्ता इसलिए अटकी क्योंकि काबुल ने पाकिस्तान की तार्किक और वैध मांगों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने हा कि पाकिस्तान चाहता था कि अफगानिस्तान यह भरोसा दे कि उसकी जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ आतंकी हमलों के लिए नहीं होगा। हालांकि, अब तक दोनों देशों की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है।
पाकिस्तान का अफगानिस्तान पर आरोप
अफगान मीडिया ने कहा कि उनके प्रतिनिधियों ने रचनात्मक बातचीत की पूरी कोशिश की, जबकि पाकिस्तानी पक्ष ने आरोप लगाया कि अफगान दल जिद्दी था और गंभीर नहीं था। पाकिस्तान ने कहा कि आगे की प्रगति अफगानिस्तान के सकारात्मक रवैये पर निर्भर करेगी। वार्ता के असफल होने के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया बयान की फिर से चर्चा हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर बातचीत नाकाम रही तो इस्लामाबाद के पास खुले युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। यह बयान ऐसे समय आया जब दुनिया पहले से ही कई संघर्षों से जूझ रही है और नया युद्ध चिंता का विषय बन सकता है।
























