वॉशिंगटन। भारत और पाकिस्तान में जारी संघर्ष के बीच अमेरिका ने भारत का खुलकर समर्थन किया है। अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद करे। यही नहीं, अमेरिका ने तनाव कम करने के लिए दोनों देशों से सीधी बातचीत का समर्थन किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने गुरुवार को पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और फिर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से बातचीत की। इस दौरान रूबियो ने साफ कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन बंद करना होगा। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी बातचीत की।अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि भारत की नवीनतम कार्रवाई से पहले हुई बातचीत में रूबियो ने तत्काल तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। रूबियो ने जयशंकर से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने शरीफ से दोनों पड़ोसी देशों के बीच मौजूदा संघर्ष में नागरिकों की कथित मौत पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि अमेरिका दक्षिण एशिया की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। टैमी ब्रूस ने कहा, इस बात पर कुछ चर्चा है कि पाकिस्तान आतंकवादी हमले की स्वतंत्र जांच चाहता है। हम चाहते हैं कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाए और हम इस दिशा में किसी भी प्रयास का समर्थन करते हैं। हम भारत और पाकिस्तान से इस मामले में समाधान की दिशा में काम करने का आग्रह करते हैं। हम यह भी कहना चाहते हैं कि हम दोनों सरकारों के साथ कई स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं।
चीन ने भी ऐसे कदम उठाने से बचने का आग्रह किया जो स्थिति को और जटिल बना सकते हैं। उसने दोनों पड़ोसियों से शांति और स्थिरता के व्यापक हित में कार्य करने का अनुरोध किया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि बीजिंग वर्तमान घटनाक्रम को लेकर चिंतित है। हम दोनों पक्षों से शांति और स्थिरता के व्यापक हित में कार्य करने, अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने, संयम बरतने और ऐसे कदम उठाने से बचने का आग्रह करते हैं, जो स्थिति को और जटिल बना सकते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर वर्तमान तनाव को कम करने में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।तनाव से चिंतित संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने भी संयम बरतने और तनाव को कम करने के लिए कदम उठाने की अपील की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत वार्ता और कूटनीतिक समाधान की वकालत की ताकि स्थायी शांति स्थापित की जा सके।