कार्य शैली पर उठे कई सवाल
कोरब। नगर पालिका क्षेत्र कटघोरा अंतर्गत मरच्यूरी (शवगृह) के नए भवन का निर्माण कार्य इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। यह निर्माण कार्य नगर पालिका के बजाय एक ग्राम पंचायत द्वारा कराया जा रहा है। निर्माण कार्य ग्राम पंचायत हुंकरा को एजेंसी बनाकर करवाया जा रहा है, जो जनपद पंचायत के माध्यम से क्रियान्वित हो रहा है। लोग इस पर हैरानी जताने में लगे हुए हैं कि आखिर ऐसा कैसे।
नगर पालिका क्षेत्र में ग्राम पंचायत की एजेंसी के रूप में भूमिका लोगो की समझ से परे है। मरच्यूरी भवन का निर्माण कार्य तो ग्राम पंचायत के माध्यम से कराया जा रहा है, लेकिन वहीं इसका बाउंड्रीवाल और डीप फिटिंग जैसे अन्य निर्माण कार्य नगर पालिका द्वारा कराए जाने हैं, जिनकी टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। ऐसे में दो अलग-अलग एजेंसियों द्वारा एक ही परिसर में कार्य कराया जाना प्रशासनिक समन्वय पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी से जानकारी ली गई, तो उन्होंने बताया कि यह कार्य डीएमएफ से कराया जा रहा है और कलेक्टर के आदेशानुसार ग्राम पंचायत को निर्माण एजेंसी बनाया गया है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि नगर पालिका को इस बारे में पूर्व में सूचित किया जाना चाहिए था। जनपद पंचायत कटघोरा के अधिकारियों ने भी पुष्टि की कि कलेक्टर के निर्देश पर ग्राम पंचायत हुंकरा को निर्माण एजेंसी बनाया गया है। इसके तहत ठेकेदार के माध्यम से मरच्यूरी भवन का निर्माण नगर पालिका क्षेत्र में कराया जा रहा है। कलेक्टर के आदेश का हवाला देकर निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जबकि जाणार कहते है कि शहरी क्षेत्र की सीमाओं के भीतर ग्राम पंचायत की भूमिका स्पष्ट रूप से तय होनी चाहिए।
नगर पालिका क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्यों के लिए सामान्यत: नगर पालिका ही जिम्मेदार होती है और इसकी वित्तीय एवं तकनीकी जिम्मेदारी भी वही वहन करती है। इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या नगर पालिका क्षेत्र में ग्राम पंचायत को निर्माण एजेंसी बनाना प्रशासनिक प्रक्रिया के अनुरूप है? यदि ऐसा है, तो इसकी जानकारी नगर पालिका को पहले क्यों नहीं दी गई? वहीं, मरच्यूरी भवन निर्माण और उसके बाउंड्रीवाल व डीप फिट जैसे कार्यों के लिए दो अलग-अलग एजेंसियों का समन्वय किस तरह सुनिश्चित किया जाएगा, यह देखने वाली बात होगी।