जांजगीर चांपा। प्रदेश पंचायत सचिव संघ छत्तीसगढ़ के नेतृत्व में सचिवों का आंदोलन अब उग्र रूप लेने लगा है जो जिले के जनपद पंचायत के सामने टेंट लगाकर विगत 18 मार्च से धरने पर बैठे हुए हैं जिनके आंदोलन से पंचायतो का काम पूरी तरह से ठप हो गया है। संघ के लोगों का कहना है कि विधानसभा चुनाव वर्ष 2023-24 में हुये चुनाव में मोदी की गारंटी में पंचायत सचिवों को शासकीय करण करने का वादा किया गया है, 1995 से कार्यरत पंचायत्त सचिवों को शासकीयकरण की गारंटी दी गई है। तथा शासकीयकरण करने का भरोसा देते हुये मुख्यमंत्री द्वारा मोदी की गारंटी को पूरा करने हेतु तत्काल कमेटी गठन करने की घोषणा करते हुये शासकीयकरण करने का भरोसा दिया गया। जिसे आज तक नहीं किया गया है। सचिव संघ के पदाधिकारी ने बताया कि
मुख्यमंत्री के घोषणा अनुरूप 18 जुलाई 2024 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समिति गठन कर 30 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु उल्लेख किया गया था। उक्त आदेश के परिपालन में कमेटी द्वारा पंचायत सचिवों के शासकीयकरण के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया गया है। जिस पर पंचायत सचिवों को पूर्ण आशा एवं विश्वास था कि रिपोर्ट अनुसार बजट सत्र में शासकीयकरण का सौगात प्रदान कर दिया जायेगा। किन्तु बजट सत्र में नही आने एवं इस विषय पर सरकार द्वारा कोई पहल नहीं करने के कारण पूरे प्रदेश के पंचायत सचिव क्षुब्ध एवं आक्रोशित है।
इसलिए प्रदेश पंचायत सचिव संघ के द्वारा दिनांक 10 मार्च 2025 को धर्मनगरी कवर्धा में बैठक कर निर्णय लिया गया कि दिनांक 17 मार्च 2026 को प्रदेश के समस्त सचिवों द्वारा विधानसभा घेराव किया गया। अब 18 मार्च 2025 से ब्लाक मुख्यालय में अनिश्चित कालिन हड़ताल तथा 1अप्रैल को मंत्रालय घेराव करने का निर्णय लिया गया है। जिसे प्रदेश पंचायत सचिव संघ एवं जिला पंचायत सचिव संघ के आह्वान पर जनपद पंचायत नवागढ़ के पंचायत सचिव सम्मिलित होगे। सुबह 11 से शाम 4 तक सचिव संघ के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्य गण महिला एवं पुरुष सभी इस धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में पूरी तरह से शिरकत कर रहे हैं। जिसके कारण ग्राम पंचायत का कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। अपनी मांगों को लेकर सचिव संघ द्वारा अपनी उच्च अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया है।