
नईदिल्ली, २१ जुलाई ।
यदि आपका बच्चा पांच साल से ऊपर का हो चुका है और उसका आधार बायोमीट्रिक अपडेट नहीं है तो अब चिंता न करें। अब यह काम स्कूल में ही हो जाएगा और वह भी निशुल्क। असल में यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) एक नई परियोजना पर काम कर रहा है, जिसके तहत अगले दो महीनों में चरणबद्ध तरीके से स्कूलों के माध्यम से बच्चों के आधार कार्ड के बायोमीट्रिक अपडेट किए जाएंगे। यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने बताया कि सात करोड़ से अधिक बच्चे पांच वर्ष के हो चुके हैं लेकिन उनका बायोमीट्रिक अपडेट नहीं कराया गया है, जोकि अनिवार्य है। उन्होंने कहा- हम माता-पिता की सहमति से स्कूलों के माध्यम से बच्चों के बायोमीट्रिक को अपडेट करने की योजना बना रहे हैं। हम वर्तमान में तकनीक का परीक्षण कर रहे हैं और यह 45-60 दिनों में तैयार हो जाएगी। अनिवार्य बायोमीट्रिक अपडेट (एमबीयू) का समय पर पूरा होना बच्चों के बायोमीट्रिक डाटा की सटीकता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। यदि सात वर्ष की आयु के बाद भी एमबीयू पूरा नहीं किया जाता है तो नियमानुसार आधार संख्या को निष्क्रिय किया जा सकता है।
पांच से सात वर्ष की आयु के बीच एमबीयू निशुल्क है, जबकि सात वर्ष के बाद अपडेट के लिए 100 रुपये का शुल्क लगता है। अपडेटेड बायोमीट्रिक आधार जीवन को सरल बनाता है और स्कूल में प्रवेश, प्रवेश परीक्षाओं के लिए पंजीकरण, छात्रवृत्तियों और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजनाओं जैसी सेवाओं का लाभ उठाने में सहूलियत प्रदान करता है।भुवनेश ने आगे कहा- हम 15 वर्ष की आयु पूरी कर चुके बच्चों के लिए दूसरे एमबीयू के लिए स्कूलों और कालेजों के माध्यम से इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। इस परियोजना के तहत यूआइडीएआइ प्रत्येक जिले में बायोमीट्रिक मशीनें भेजेगा, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से सभी स्कूलों में ले जाया जाएगा।