कोरबा। वर्तमान समय में शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु विद्यालय और घर – दोनों की समान भूमिका है। विद्यालय में शिक्षक बच्चों को शिक्षित करते हैं। अशासकीय विद्यालय प्रबंधक संघ के जिला अध्यक्ष अक्षय दुबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर कई अहम सुझाव दिए हैं। उन्होंने जोर दिया है कि पैरेंट्स ट्रेनिंग प्रोग्राम को शासन स्तर पर शुरू किया जाना चाहिए।
एके विकासशील शिक्षण संस्थान के संचालक अक्षय ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कई पक्षों पर लिखा है। कहा गया कि वर्तमान परिस्थिति में अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों की तुलना उन सफल व्यक्तियों से करते हैं, जिन्होंने समाज में विशेष स्थान प्राप्त किया है। किंतु हर गांव, मोहल्ले अथवा परिवार में ऐसे आदर्श व्यक्तियों की संख्या सीमित होने के कारण बच्चों को उचित मार्गदर्शन नहीं मिल पाता। साथ ही जब अभिभावक स्वयं पर्याप्त रूप से शिक्षित नहीं होते, तो बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आवश्यक संस्कार प्रदान करना कठिन हो जाता है।
शिक्षा क्षेत्र में लंबं समय से काम कर रहे अक्षय ने प्रधानमंत्री को प्रेषित पत्र में बताया है कि संगठन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में संचालन किया जा रहा है। विद्यालय एवं महाविद्यालय का संचालन भी कर रहा हूँ। इन सभी प्रयासों के अंतर्गत अभिभावक जागरूकता कार्यक्रम, बच्चों के लिए कैरियर मार्गदर्शन तथा अनुशासन एवं संस्कार विषयक कार्यशालाएँ लगातार आयोजित की जा रही हैं। इनसे यह स्पष्ट हुआ है कि अभिभावक प्रशिक्षण बच्चों के शैक्षिक एवं नैतिक विकास में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहा है।
प्रधानमंत्री से आग्रह किया गया है कि पैरेंट्स ट्रेनिंग प्रोग्राम को शासन स्तर पर देश के सभी स्कूलों में एक विशेष योजना के रूप में प्रारंभ किया जाए, जिससे विद्यालयों एवं समाज में बच्चों की शिक्षा और परवरिश की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हो सके। इससे निश्चित ही हमारा राष्ट्र और भी सशक्त एवं उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर होगा।
साथ ही, यदि माननीय शासन द्वारा इस विषय पर विस्तृत पाठ्यक्रम एवं कार्ययोजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है तो उसका मसौदा मेरे द्वारा तैयार किया जा चुका है, जिसे शीघ्र पूर्ण कर प्रस्तुत किया जा सकता है।