पटना 15 अक्टूबर । बिहार विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों का नामांकन शुरू हो चुका है। टिकट की आस में नेता क्षेत्र में कम पटना में ज्यादा समय दे रहे हैं। राजधानी पटना का 1 अणे मार्ग (मुख्यमंत्री आवास) राजनीतिक संग्राम का केंद्र बना रहा। जदयू में टिकट वितरण को लेकर मचे घमासान ने सडक़ से सत्ता के दरवाज़े तक हलचल मचा दी। सुबह से शाम तक दर्जनों समर्थकों और नेताओं का जमावड़ा मुख्यमंत्री आवास के बाहर देखने को मिला। सबसे पहले सुबह 9 बजे औरंगाबाद जिले के नबीनगर विधानसभा से जदयू के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता यहां पहुंचे थे। ये पूर्व विधायक वीरेंद्र सिंह को टिकट देने की मांग कर रहे थे। यहां से पूर्व सांसद आनंद मोहन के पुत्र को टिकट दिए जाने की चर्चा से ये नाराज होकर यहां पहुंचे थे। रुकरुक कर ये कार्यकर्ता अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे।
इसके बाद गोपालपुर के जदयू विधायक गोपाल मंडल अपने समर्थकों के साथ सीएम आवास के मुख्य द्वार पर पहुंचे। टिकट कटने की आशंका जताते हुए वे वहीं धरने पर बैठ गए। समर्थकों ने गोपाल मंडल को टिकट दो के नारे लगाए। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोका, जिसके बाद आवास का बाहर का इलाका कुछ देर के लिए मिनी प्रदर्शन स्थल में तब्दील हो गया।
मंडल ने आरोप लगाया कि “कुछ लोग मुख्यमंत्री के आसपास टिकट बेचने और साजिश करने में लगे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक पार्टी उन्हें टिकट देने की लिखित गारंटी नहीं देगी, वे वहीं डटे रहेंगे।

वहीं बड़हरा सीट से भी जदयू कार्यकर्ताओं का समूह पटना पहुंचा। इन लोगों ने भी अपने-अपने नेताओं के समर्थन में नारेबाजी की और टिकट नहीं बदले जाने की मांग की। दोपहर में पूर्व विधायक महेश्वर यादव भी अपने समर्थकों के साथ सीएम आवास पहुंचे और टिकट वितरण में पारदर्शिता की मांग करते हुए नारे लगाए।शाम होते-होते स्थिति और गरम हो गई। पुलिस बल ने किसी भी अनहोनी की आशंका को देखते हुए गेट के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी।
यही हाल भाजपा कार्यालय का भी पूरे दिन रहा। गहमा गहमी उस वक्त बढ़ गई जब भाजपा ने अपने 71 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। इसके बाद पूर्व मंत्री रामसूरत राय के समर्थक भाजपा दफ्तर पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी।