
कोरबा। जिले में बारिश के रवैय्ये और उसके तेवर ने परेशानी बढ़ानी जारी रखी है। पाली क्षेत्र में पहाड़ी नाला भारी बारिश से इस कदर बौराया कि आसपास के खेतों में उसकी पहुंच ने लोगों को फंसा कर रख दिया। अपनी जान बचाने लोगों ने यहां वहां सहारा लिया। जिला प्रशासन के संज्ञान में मामला आने पर एसडीआरएफ की टीम बुलवायी गई। कई घंटे की मशक्कत बाद रात 3 बजे मौकेपर फंसे लोगों को रेस्क्यु किया गया।
इस सीजन में बारिश का रूख शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में हर किसी के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। लगातर इस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही है, जिनमें बस्तियों से लेकर कालोनी और खेतों से लेकर बाडिय़ों में लोग बरसाती पानी की वजह से फंस रहे हैं। पाली ब्लाक में भी 17 किसानों के साथ कुछ ऐसा ही वाक्या पेश आया। बताया गया कि ये लोग ढुकूपथरा और पोड़ी के लबदापारा में अतिवृष्टि से मुश्किल में पड़ गए। खबर के अनुसार इस क्षेत्र में 3 दिन से लगातार बारिश हो रही है। इसके चलते खासतौर पर पहाड़ी नदी नाले बौराये हुए है। ऊंचाई से आने वाले पानी के तेज बहाव ने आसपास के क्षेत्रों पर असर डाला है। खरीफ सीजन में खेती किसानी से जुड़ा हुआ वर्ग अपने खेतों में तैयारी कर रहा है। पाली ब्लाक के इन गांवों में रविवार को लोग अपने खेतों में काम पर लगे हुए थे। दोपहर बाद एक पहाड़ी नाला में जबरदस्त पानी की बढ़ोतरी हुई। उसे बहने का पर्याप्त रास्ता नहीं मिला तो वह आसपास के इलाकों में बढऩे लगा। आलम यह रहा कि आसपास में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई। हद से ज्याद पानी के भराव ने ग्रामीणों को भयभीत कर दिया। उन्होंने अपनी जान पर संकट होता देख जरूरी उपाए किये। इसके बावजूद खतरा जारी रहा। उन्होने इस बारे में ग्रामीणों को सूचना दी। जिसके बाद राजस्व विभाग और आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची। स्थिति को संभालना उसके बस में नहीं था। ऐसे में राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को अवगत कराया गया। कुछ ही घंटों में अपने संसाधन के साथ टीम यहां पहुंची। उसके द्वारा कई घंटे रेस्क्यु आपरेशन चलाया गया। हमारे संवाददाता ने बताया कि रात्रि 3 बजे अंतिम स्थिति में यह आपरेशन पूरा हो सका और मौके पर फंसे लोगों को निकाला जाना संभव हुआ। इस दौरान प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस के अधिकारियों की उपस्थिति यहां रही।
मन में चलती रही उथलपुथल
रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद बाहर आए लोगों के चेहरे पर सुकून तो था लेकिन चिंता भी। लंबे समय तक पानी की घेराबंदी ने इन लोगों को परेशान कर रखा । मौके पर फंसने वालों में स्त्री पुरुष और बच्चे थे और यह सभी इस बात को लेकर परेशान थे कि आखिर यहां से निकलेंगे कब और कैसे। उनकी आंखों के सामने जल प्रलय जैसा नजारा तैर रहा था इसलिए स्वाभाविक रूप से मन में घबराहट थी। समय बीतने के साथ उनकी चिंता बढ़ रही थी। आखिरकार आशावादी दृष्टिकोण से लोगों ने खुद को मनाया। रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने पर इन लोगों का कहना था की आज जो कुछ हुआ वह अप्रत्याशित था और इसलिए इतने घंटे को वे जिंदगी भर याद रखेंगे।