
5 जून को हमने उसलापुर से यात्रा की शुरुआत की। यात्रा में सहयात्रियों के बीच खाटू श्याम जी के दर्शन और भारत पाकिस्तान के बीच टेंशन पर चर्चा केंद्रित रही। कुछ समय के बाद रात्रि विश्राम की बारी आ गई। अपने अंतिम गन्तव्य जयपुर हम पहुँचे अगले दिन 1 घण्टे विलम्ब से। नियत कार्यक्रम के तहत हमने गुलाबी शहर को घूमा। जानकारी प्राप्त की। अगले कुछ घंटे में क्या होने वाला है इस बारे में हम सभी अनजान थे। 7 मई की सुबह परिवार के साथ खाटू श्याम जी के दर्शन हेतु पहुँच तीर्थस्थल की पावन भूमि पर कदम रखते ही श्रद्धा और आस्था का एक विशेष अनुभव हुआ। पूण्य दर्शन के साथ ही एक और महत्वपूर्ण घटना ने इस यात्रा को और भी ऐतिहासिक बना दिया। दरअसल, मध्य रात्रि को ही भारतीय सेना ने पाकिस्तान की आतंकी फैक्ट्री को पूरी तरह नष्ट कर, देशवासियों को गर्व से भर दिया। यह समाचार सुनकर ह्रदय गर्व से भर उठा।
पूरे तीर्थस्थल पर मौजूद श्रद्धालु न केवल भक्ति में लीन थे, बल्कि भारत के इस पराक्रम से भी उत्साहित और गौरवान्वित थे। यह दृश्य अत्यंत प्रेरणादायक था। मुझे अनुभव हुआ कि यह यात्रा केवल एक धार्मिक दर्शन नहीं थी, बल्कि यह भारत के शौर्य और गौरव का सजीव अनुभव भी थी।
इसलिए यह यात्रा मेरे लिए अविस्मरणीय बन गई। यह न केवल श्रद्धा का क्षण था, बल्कि इतिहास के एक गौरवपूर्ण पल का साक्षी बनने का भी अवसर था, जिसे मैं कभी नहीं भूल पाऊँगा। मेरा व्यक्तित्व रूप से ऐसा मानना है कि कोई भी राष्ट्र अपने अच्छे कार्यों के लिए जाना जाता है और विकास के रास्ते पर आगे बढ़ता है उसकी जड़ मजबूत होती है। सनातन काल से भारत सर्वे भवंतु सुखिन: की बात करता रहा है। और इसीलिए वह हर बार अपने दुश्मनों पर भारी पड़ता है।