एसईसीएल प्रबंधन उदासीनता दिखा रहा, रखरखाव के मामले में
कोरबा। कोरबा से रजगामार की ओर जाने वाला मार्ग अब सडक़ कम और गड्ढों का संग्रहालय ज़्यादा लगता है। यहां से गुजरना आम लोगों के लिए किसी बाधा दौड़ से कम नहीं रह गया है। वर्षों से इस सडक़ की हालत खराब है, लेकिन बारिश ने हालात ऐसे बना दिए हैं कि अब सडक़ खोजने के लिए भी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम बेकार है।गड्ढे इतने गहरे हैं कि लोग अब उन्हें नाम तक देने लगे हैं – ‘छोटा गड्ढा’, ‘बड़ा गड्ढा। दोपहिया वाहन चालक खुद को किसी स्टंट शो में महसूस करते हैं, जबकि चारपहिया वाहन मालिक अब तक सस्पेंशन की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर चुके हैं। इस मार्ग की देखरेख की जिम्मेदारी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कोरबा एरिया एवं रजगामार उपक्षेत्र की है। लेकिन अधिकारी या तो आंखें मूंद चुके हैं या शायद वे हेलिकॉप्टर से सफर करते हैं। स्थानीय लोग कहते हैं -रास्ता चाहे जैसा हो, अफसरों की चुप्पी हमेशा एक जैसी होती है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि जनता की समस्याओं पर कोई जनप्रतिनिधि आवाज नहीं उठा रहा। क्या हमने उन्हें सिर्फ पोस्टर में मुस्कुराने और उद्घाटन की रिबन काटने के लिए चुना था। जनता अब सवाल पूछ रही है -क्या वोट देने की सज़ा हम गड्ढों में गिर-गिर कर भुगतें। सरकारी वादों में ‘गड्ढा मुक्त सडक़ें’ हर साल का सपना बन कर रह गया है। लेकिन कोरबा-रजगामार रोड को देखकर लगता है कि सपना उल्टा हो गया है – यहाँ सडक़ कम और गड्ढे ज़्यादा हैं। लगता है जल्द ही इसे जलभराव पर्यटन स्थल घोषित कर दिया जाएगा।

टूट-फूट की शिकायतों में बढ़ोत्तरी
इस रास्ते की बदहाली के कारण कई प्रकार की चुनौतियां वाहन मालिकों के सामने बनी हुई है। रास्ते पर बड़े-बड़े गड्ढों से गाडिय़ों के पार होने के कारण उनके स्पेयर पार्ट्स में शिकायत आती है। कमानी पट्टा, शॉकप के साथ-साथ दूसरे महंगे पार्ट्स क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। दूसरी और गाडिय़ों के पहिए पर भी गंभीर दुष्परिणाम हो रहा है। सबसे अधिक समस्या छोटी गाडिय़ों के मामले में है। बताया गया कि रास्ते की दुर्दशा के कारण लगातार इस प्रकार के मामले आसपास की दुकानों में पहुंच रहे हैं जिनमें लोगों की शिकायत आती है कि उसे समय पहले ही सुधार कराया गया और एक बार फिर गाडिय़ों को यहां पर लाना पड़ा है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इस तरह के मामले ना तो आप उपभोक्ता फोरम में पेश कर सकते हैं और ना ही किसी और प्लेटफार्म पर इन्हें क्लेम किया जा सकता है। लोगों की नाराजगी इस पूरे मामले को लेकर साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड पर बनी हुई है। लोगों का कहना है कि अगर समस्या का निराकरण करने को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जाती है तो उन्हें सडक़ की समस्या के मामले में सडक़ पर उतरना होगा