
नई दिल्ली। भारत और रूस ने शुक्रवार को आतंकवाद के विरुद्ध ”बिना किसी समझौते के” दुनियाभर में लड़ाई लड़ने का आह्वान किया, जिसमें छिपा हुआ एजेंडा और दोहरे मापदंड न हों। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह खतरा इंसानियत के मूल्यों पर सीधा हमला है।
आतंकवाद पर जीरो टालरेंस नीति की जोरदार वकालत की
शिखर वार्ता में मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम और मॉस्को के क्रोकस सिटी हाल में हुए आतंकी हमलों की निंदा की और आतंकवाद पर जीरो टालरेंस नीति की जोरदार वकालत की। दोनों नेताओं ने आतंकियों की सीमा पार आवाजाही और आतंकी फंडिंग सहित सभी तरह के आतंकवाद को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता जताई।
भारत और रूस ने आतंकवाद के विरुद्ध एकसाथ
उन्होंने कहा, ”भारत और रूस ने आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। चाहे पहलगाम में आतंकी हमला हो या क्रोकस सिटी हाल पर कायरतापूर्ण हमला, इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का दृढ़ता से मानना है कि आतंकवाद इंसानियत के मूल्यों पर सीधा हमला है और इसके विरुद्ध दुनिया की एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”
शिखर वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि मोदी और पुतिन ने आतंकवाद के सभी वारदातों की निंदा की, चाहे उनका मकसद कुछ भी हो।
अल कायदा, आइसिस जैसे आतंकी संगठनों पर की बात
उन्होंने अल कायदा, आइसिस और उनसे जुड़े संगठनों समेत संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित आतंकी समूहों के विरुद्ध मिलकर कार्रवाई करने की अपील भी की, जिसका मकसद आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करना, आतंकी विचारधारा को फैलने से रोकना, आतंकियों के वित्तीय माध्यमों और अंतरराष्ट्रीय अपराध के साथ उनके रिश्ते खत्म करना और आतंकियों की सीमापार आवाजाही को रोकना है।


















