नईदिल्ली, 2७ जुलाई ।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में अपने संबोधन में कहा, मन की बात में एक बार फिर बात होगी देश की सफलताओं की, देशवासियों की उपलब्धि की। पिछले कुछ समय में पूरा देश, खेल, विज्ञान और संस्कृति को लेकर बहुत कुछ ऐसा हुआ है, जिस पर हर भारतीय को गर्व है। अभी हाल ही में शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से वापसी की बहुत चर्चा हुई। जैसे ही शुभांशु धरती पर उतरे तो पूरा देश खुशी और गर्व से भर गया।
मुझे याद है कि जब चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग हुई तो देश में विज्ञान को लेकर अलग माहौल बना। अब छोटे-छोटे बच्चे अंतरिज्ञ विज्ञान में रुचि ले रहे हैं। आपने इंस्पायर मानक अभियान का नाम सुना होगा। यह बच्चों में इनोवेशन को बढ़ावा देने का अभियान है। इस अभियान में हर स्कूल से पांच बच्चे चुने जाते हैं। हर बच्चा एक नया आइडिया लेकर आता है। इससे अब तक लाखों बच्चे जुड़ चुके हैं और चंद्रयान-3 मिशन के बाद इनकी संख्या दोगुनी हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी बोले देश में स्पेस स्टार्ट-अप तेजी से बढ़ रहे हैं। पांच साल पहले देश में 50 से भी कम स्टार्टअप थे। आज सिर्फ स्पेस सेक्टर में ही ये 200 से ज्यादा हो गए हैं। अगले महीने 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे है। आप इसे कैसे मनाएंगे, कोई नया विचार है तो मुझे नमो एप पर जरूर भेजिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में भारत में विज्ञान तेजी से आगे बढ़ रहा है। कुछ दिन पहले इंटरनेशनल केमिस्ट्री ओलंपियाड में भारत के देवेश पंकज, संदीप कुची, देबदत्त प्रियदर्शी और उज्जवल केसरी ने मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। गणित की दुनिया में भी भारत अपनी जगह बना रहा है और इंटरनेशनल मेथमेटिकल ओलंपियाड में हमारे छात्र तीन गोल्ड, दो सिल्वर और एक कांस्य पदक जीत चुके हैं। अगले महीने मुंबई में एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स ओलंपियाड होने जा रहा है। यह अब तक का सबसे बड़ा ओलंपियाड होगा।
भारत अब ओलंपिक और ओलंपियाड, दोनों के लिए आगे बढ़ रहा है। यूनेस्को ने 12 मराठा किलो को वर्ल्ड हेरीटेज साइट्स के रूप में मान्यता दी है। इनमें 11 महाराष्ट्र के और एक तमिलनाडु का किला शामिल है। सल्हेर के किले में मुगलों की हार हुई। शिवनेरी में छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ। खानदेरी में समुद्र के बीच किला है। दुश्मन उन्हें रोकना चाहते थे, लेकिन शिवाजी महाराज ने असंभव को संभव करके दिखा दिया। प्रतापगढ़ के किले में अफजल खान पर जीत मिली। विजयदुर्ग में गुप्त सुरंगें थीं। छत्रपति शिवाजी महाराज की दूरदर्शिता का प्रमाण इस किले में मिलता है। कुछ साल पहले रायगढ़ के दौरे पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने नमन करने का मौका मिला।