एसआईआर के मुद्दे पर संसद में सियासी घमासान, लोकसभा की कार्यवाही स्थगित

नईदिल्ली 0२ दिसम्बर ।
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। पहले दिन हंगामे के बीच बीचा। लोकसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी थी। आज भी संसद के दोनों सदनों में हंगामे के आसार हैं। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। किरेन रिजिजू ने कहा, विपक्ष को मुद्दे ढूंढ-ढूंढकर लाने की जरूरत नहीं है। संसद में मुद्दे तय किए गए हैं, कई ऐसे भी हैं जो विपक्ष ने उठाए हैं। नए-नए मुद्दे ढूंढकर संसद को डिस्टर्ब करने के लिए बहाना बनाने की जरूरत नहीं है। मैं आज विपक्ष के प्रमुख नेताओं से बात करूंगा। मैं उनके टच में हूं। संसद परिसर में मकर द्वार के सामने विपक्ष का प्रदर्शन शुरू हो गया है। विपक्षी नेता हाथों में एसआईआर के विरोध वाले पोस्टर-बैनर लेकर नारेबाजी कर रहे हैं।
प्रियंका गांधी ने संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल करने के ष्ठशञ्ज के निर्देशों पर कहा, यह एक जासूसी ऐप है। यह मज़ाकिया है। नागरिकों को प्राइवेसी का अधिकार है। साइबर सिक्योरिटी की जरूरत है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह आपको हर नागरिक के टेलीफ़ोन में जाने का बहाना दे। मुझे नहीं लगता कि कोई भी नागरिक खुश होगा। पार्लियामेंट इसलिए काम नहीं कर रही है क्योंकि सरकार किसी भी चीज पर बात करने से मना कर रही है।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने काउंसिल ऑफ़ स्टेट्स (राज्य सभा) में रूल्स ऑफ़ प्रोसीजर एंड कंडक्ट ऑफ़ बिजऩेस के रूल 267 के तहत चर्चा के लिए एक मोशन पेश किया। लोकसभा में पहले दिन जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार पर बात न सुनने का आरोप लगाया, वहीं सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष पर हंगामे कर कार्यवाही बाधित करने का आरोप मढ़ा। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई बोले- संसद में रूलिंग पार्टी और अपोजि़शन दोनों के मुद्दे उठाए जाने चाहिए और उन पर पूरा ध्यान और अहमियत दी जानी चाहिए, खासकर अपोजिशन के मुद्दों पर। लेकिन हम देख रहे हैं कि रूलिंग पार्टी सिर्फ अपने मुद्दों पर चर्चा करना चाहती है। वह सिर्फ अपने लाए कानूनों पर चर्चा करना चाहती है। केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा, यह देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, और जनता बड़ी उम्मीदों के साथ अपने प्रतिनिधियों को चुनती है।
उन्हें जनता की मदद करने के लिए अपने चुनाव क्षेत्रों, अपने राज्यों और उससे आगे के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए। इसके बजाय, वे नारे लगाने, गाली-गलौज करने और पोस्टर लहराने का सहारा लेते हैं। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एसआईआर को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, इतनी जल्दी क्यों है। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में चुनाव तुरंत नहीं हैं। सरकार नकली डेटा दे रही है, ढ्ढरूस्न ने भी इस पर ध्यान दिया है। वे जानबूझकर वोटरों के नाम हटा रहे हैं, खासकर उन इलाकों में जहां वे कभी जीते नहीं हैं।

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