
जांजगीर चांपा। जिले सहित नगर में झोला छाप डाक्टरों का फैलता जाल और उनका अवैध रूप से क्लीनिक चलाने का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। इसी तरह के एक मामले में जिले के चतुर्थ अपर सत्र न्यायालय ने एक गंभीर लापरवाही के मामले में आरोपी बंगाली डॉक्टर को 7 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी डॉक्टर धुवांतो सिकदार को यह सजा गर्भवती महिला की इलाज के दौरान मौत के मामले में सुनाई गई है।
घटना नवागढ़ थाना क्षेत्र के हीरागढ़ गांव की है, जहां 1 सितंबर 2024 को रुखमणी कश्यप नामक महिला, जो चार माह की गर्भवती थी, की तबीयत बिगडऩे पर घर पर बंगाली डॉक्टर को बुलाया गया था। इलाज के नाम पर आरोपी ने खुद से दवाइयां दीं और एक गलत इंजेक्शन लगा दिया, जिसके बाद महिला की स्थिति बिगड़ती चली गई और उसकी मौत हो गई।
घटना के बाद परिजनों की शिकायत पर नवागढ़ पुलिस ने तत्काल स्नडुक्र दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामला न्यायिक प्रक्रिया में था, जिसकी सुनवाई अब पूरी हो चुकी है। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश विजय अग्रवाल ने मामले में दोषी करार देते हुए धुवांतो सिकदार को 7 साल के
कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एक कड़ा संदेश माना जा रहा है।