
धनबाद , १४ अक्टूबर ।
वासेपुर के कुख्यात प्रिंस खान और उसके गुर्गे सैफी उर्फ मेजर के आतंक पर धनबाद पुलिस ने एक और बड़ा प्रहार किया है। प्रिंस खान के गुर्गे लंबे समय से व्यवसायियों को फोन कर रंगदारी की मांग व जान से मारने की धमकी दे रहे थे। गिरोह के आर्थिक स्रोतों, शूटरों के नेटवर्क और हथियार तस्करी चैनल को खत्म करने के लिए एसएसपी प्रभात कुमार के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।गुप्त सूचना के आधार पर 12-13 अक्टूबर की रात प्रिंस खान गिरोह के दर्जन भर अपराधियों को पुलिस ने एक साथ अपराध की रणनीति बनाते गिरफ्तार किया है। अपराधियों के पास से हथियार व कारतूस भी बरामद हुए हैं।पुलिस की इस कार्रवाई से धनबाद में प्रिंस खान के द्वारा दिए जानेवाले कई वारदात टल गई। गिरफ्तार अपराधियों ने ही पिछले दिनों राजगंज में पेट्रोल पंप में फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था। पूछताछ के दौरान अपराधियों ने अपना गुनाह स्वीकार किया है, यहां तक की फायरिंग में इस्तेमाल किए गए हथियार भी बरामद किए हैं। गिरफ्तार अपराधियों में सुरज तांडी, आशीष कुमार सिंह, तौकिर राजा, अफरिदी राजा उर्फ अफरिदी सिद्दीकी, लक्की विशाल उर्फ छोटू, पवन कुमार सिंह, रितिक विश्वकर्मा, अमन कुमार गुप्ता, विक्रम साव, आकाश वर्णवाल, तौकिल अंसारी और अभिषेक पांडे उर्फ पप्पू शामिल है।इन अपराधियों में कई शूटर तो कई तकनीकी सहयोगी और वित्तीय प्रबंधन करनेवाले गुर्गे हैं।
इन अपराधियों के निशानदेही पर पुलिस ने एक देशी पिस्टल, एक देशी कट्टा, तीन जिंदा, कारतूस तथा दो देशी बम के अलावा 31 हजार 870 रुपये तथा दो पल्सर व होंडा की बाइक व सात मोबाइल बरामद किए हैं।पुलिस की इस सफलता को लेकर एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि राजगंज मामले के अलावा बैंकमोड़ थाना क्षेत्र से छापेमारी में गिरोह द्वारा छिपाकर रखे गए हथियार, बम और अन्य विस्फोटक बरामद किए गए।इसके लिए बैंकमोड़ थाना में एक दूसरी प्राथमिकी भी दर्ज हुई है। साथ ही, गिरोह की अवैध कमाई और रंगदारी की रकम को विभिन्न खातों में ट्रांसफर करने वाले विक्रम साव, पवन सिंह समेत अन्य पांच लोगों को कतरास थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। इनसे वित्तीय लेन-देन के कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं। इसके लिए कतरास थाना कांड में भी एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि गिरोह जो व्यवसायियों को लगातार धमकाकर रंगदारी वसूलता था और गिरोह के सरगना प्रिंस खान को आर्थिक फायदा पहुंचाता था।
पुलिस का यह अभियान गिरोह की रीढ़ तोडऩे की दिशा में एक बड़ी सफलता है।