छात्रों से पुताई करायी प्राचार्य ने, शिकायत करने पर दी धमकी

जांजगीर-चांपा। जांजगीर-चांपा में स्वामी आत्मानंद हिंदी मीडियम स्कूल के प्रिंसिपल का एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वह स्टूडेंट्स के करियर को खराब करने की धमकी देते और हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते दिख रहे हैं।
मामला पामगढ़ ब्लॉक के डोंगाकहरौद आत्मानंद स्कूल का है। प्रिंसिपल का नाम कुंज किशोर है। जानकारी के मुताबिक, प्रिसिंपल ने स्टूडेंट्स से क्लासरूम की पुताई करवाई थी। छात्रों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की थी।
जिससे नाराज होकर उन्होंने स्कूल कैंपस में स्टूडेंट्स के सामने कहा कि मेरा जितना बिगाडऩा है बिगड़ चुके। अब मैं तुम्हारे टीसी-सीसी में ऐसा लिखा दूंगा कि मर जाओगे। जो उखाडऩा है उखाड़ लेना।
वहीं, एक और वीडियो में प्रिंसिपल स्कूल के बच्चों के सामने देवी-देवताओं और सांस्कृतिक परंपराओं पर टिप्पणी कर रहे हैं। जिसमें वे ब्रह्मा, सरस्वती और मत्स्य पुराण का जिक्र करते हुए विवादास्पद बातें कहते नजर आ रहे हैं।
दरअसल, देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी वाला वीडियो डेढ़ साल पुराना बताया जा रहा है। जो कि अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें प्रिंसिपल ये कहते नजर आए कि ब्रह्मा से 3 देवियां प्रकट हुईं। जिनमें से एक देवी सरस्वती हैं।
उन्होंने मत्स्य पुराण का हवाला देते हुए कहा कि जब ये देवियां बड़ी हुईं, तो उनकी खूबसूरती इतनी थी कि पिता और पति दोनों का नाम मत्स्य पुराण में ब्रह्मा ही बताया गया है।प्राचार्य के अनुसार ब्रह्मा जी ने 100 सालों तक पुत्री को अपनी पत्नी बनाकर रखा और उनके पुत्र भी हैं। बहुत सारी चीजें हैं जिसे स्वीकार करना थोड़ा सा कठिन हो जाता है। आइए और सच की ओर एक कदम बढ़ाएं।
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अशोक सिन्हा ने कहा कि वायरल वीडियो पुराना है। उससे पहले हुए शिकायत पर प्रिंसिपल को पद से हटाकर लेक्चरर के पद पर हाई स्कूल भुईगांव में पदस्थ किया गया है।
कलेक्टर के निर्देश पर पामगढ़ एसडीएम और तहसीलदार की टीम ने स्कूल पहुंचकर छात्रों से बातचीत की और स्कूल के कमरे की पुताई से जुड़े मामले की जानकारी ली। जांच में पता चला कि प्रभारी प्राचार्य ने बोर्ड परीक्षा की कक्षा के छात्रों को पुताई नहीं करने पर प्रैक्टिकल में कम अंक देने की धमकी दी थी। इसी कारण दसवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं ने यह वीडियो बनाया था।
कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन राज्य संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय, इंद्रावती भवन रायपुर को भेज दिया है। जांच में यह भी सामने आया कि प्रिंसिपल ने नि:शुल्क शिक्षा के स्थान पर छात्रों से यूनिफॉर्म खरीदने के लिए दबाव बनाया और उनसे पैसे भी वसूले थे।

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