
कोरबा। काफी समय से सोरायसिस से पीडि़त चल रहे प्रहलाद चंद्रा के लिए आयुर्वेद चमत्कार से कम नहीं रहा। सिर्फ 15 दिन की चिकित्सा ने उन्हें बीमारी से लगभग 75 फीसदी लाभ हुआ। वे आश्वस्त हैं कि अब निश्चित रूप से उनकी समस्या पूरी तरह दूर होगी।
चंद्रा काफी समय से सोरायसिस से पीडि़त थे और यहां-वहां इससे छुटकारा पाने की कोशिश की। काफी रुपए खर्च किए। पिछले दिनों उनका संपर्क आयुष विशेषज्ञ डॉ. नागेंद्र नारायण शर्मा से हुआ। उनसे मिलकर इस विषय को साझा किया गया। परामर्श लेने के साथ चिकित्सा प्राप्त की गई। प्रहलाद ने बताया कि आयुर्वेद को अपनाना सोरायसिस के मामले में कारगर रहा। उन्हें जो राहत मिली है वह कल्पना से परे है। चंद्रा ने बहुत पहले सोच लिया था कि जो समस्या है, शायद ही उससे कभी उबर सकेंगे। डॉ. शर्मा ने बताया कि जीवनशैली और प्रदूषण के कारण त्वचा संबंधी रोग बढ़ते जा रहे हैं। इन रोगों में सबसे आम है त्वचा संबंधी रोग ‘सोरायसिस’ जो आजकल बहुत देखने को मिल रहा है। शरीर पर लाल चकत्ते और उन पर सफेद रंग की ऊपरी त्वचा, त्वचा में दरारें पडऩा, पपड़ी जैसा निकलना, पानी जैसा पतला द्रव बहना, खुजली, डैंड्रफ और जलन ये उसके सामान्य लक्षण हैं। समय रहते चिकित्सा जरूरी है। आयुर्वेद अनेक मामलों में निरापद चिकित्सा पद्धति है। वह बीमारी को केवल ठीक नहीं करता बल्कि जड़ से मिटाता है।