
पटना। 10, सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ है, जबकि राजद नेताओं के मन में विचारों के साथ रोष का द्वंद्व चल रहा। भीतर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के साथ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) उदास भाव आज और कल का आकलन कर रहे। पिछले चार दशक से जिस परिक्षेत्र में रहते हुए बिहार की राजनीति के कई दौर देख चुके हैं, वही राजनीति अब सर-ओ-सामान समेट वहां से लगभग दो किलोमीटर दूर घर जमाने को कह रही। परिस्थितिजन्य यह विवशता मन को हालिया पराजय और परिवार के अंतर्कलह से भी अधिक पीड़ा दे रही। जिनसे दुख साझा किया जाए, वे अपने भी मुंह फुलाए दूर जा बैठे हैं। इस अंतहीन अकेलापन के बीच राबड़ी उन चीजों को स्वयं सहेजने लगी हैं, जिन्हें अनुचरों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। हाथ बंटाने वाली बेटियां घर छोड़कर जा चुकी हैं और बहुएं साथ नहीं। तलाक की अर्जी लगाए बड़ी बहू (तेजप्रताप की पत्नी करिश्मा) मायके में है और अपने बच्चों के साथ छोटी बहू (तेजस्वी की पत्नी राजश्री) दिल्ली में।

































