
नईदिल्ली, ३१ जुलाई ।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी की भूमिका को लेकर राहुल गांधी द्वारा पेश किए गए तथ्यों को गलत बताया। कहा कि राहुल गांधी ने इस संबंध में जो तथ्य पेश किए, वे गलत हैं। उन्होंने तथ्यों को तोड़-मरोडक़र कर पेश किया। दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से विपक्ष के नेता के इस बयान को गंभीरता से लेने का आग्रह किया। सूत्रों ने बताया कि बिरला को लिखे एक पत्र में राहुल गांधी के बयानों के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने का अनुरोध किया गया है। इसके साथ ही भाजपा सांसद ने सदन में इस मुद्दे को उठाने के लिए अध्यक्ष से अनुमति भी मांगी है। राहुल गांधी ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कहा था कि यदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में इंदिरा गांधी जैसा 50 प्रतिशत भी साहस होता तो वह स्पष्ट रूप से कहते कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम में मध्यस्थता की थी।उन्होंने कहा था कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने सशस्त्र बलों को पूरी छूट दी थी, जबकि मोदी सरकार ने उनके हाथ बांध दिए हैं। इस पर पलटवार करते हुए दुबे ने पांच दिसंबर 1971 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को लिखे गए एक पत्र का हवाला दिया। इसमें उनसे पाकिस्तान के साथ युद्ध को रोकने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने की विनती की गई थी।
भाजपा सांसद ने अध्यक्ष को सौंपे गए अपने ज्ञापन में इस पत्र को संलग्न किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने एक बार फिर ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोडक़र जनता के विश्वास को तोड़ा है। दुबे ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी अब अफवाह फैलाने और अडिय़ल व्यवहार के अवतार बन गए हैं। उन्होंने उन पर न केवल सदन में बल्कि विभिन्न अदालतों में भी लगातार झूठ बोलने और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। कहा कि यह हमारे सदन और हमारे जीवंत लोकतंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है कि राहुल गांधी ने गलत तथ्य पेश कर विपक्ष के नेता के प्रतिष्ठित पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई।