धूल और बजरी से वायु प्रदूषण का खतरा
कोरबा। सावन के आगमन के साथ हुई झमाझम बारिश ने कोरबा जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में कई नई समस्याएं खड़ी कर दी हैं। दो दिन से बारिश थमी है, जिससे लोगों को कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन उखड़ी हुई सडक़ों की धूल और बजरी ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
कोरबा के मुख्य मार्ग, पावर हाउस रोड, ओपन थिएटर, कोसाबाड़ी और वीआईपी रोड जैसे क्षेत्रों में यही स्थिति बनी हुई है। कुछ महीने पहले नगर पालिक निगम द्वारा इन सडक़ों का नवीनीकरण कराया गया था। उम्मीद थी कि यह काम टिकाऊ साबित होगा, लेकिन भारी बारिश ने सडक़ों की ऊपरी परत को बहा दिया। अब दूसरी परत भी जगह-जगह से उखड़ रही है, जिससे ट्रैफिक में बाधा और हादसों का खतरा बढ़ गया है। बारिश रुकने के बाद तेज धूप ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। धूल उडऩे से वातावरण गर्मियों जैसा प्रतीत हो रहा है, और शहर के साथ-साथ उपनगरीय क्षेत्रों में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढऩे लगा है। नागरिकों को जहां बारिश से राहत मिली है, वहीं अब धूल और सडक़ों की दुर्दशा ने परेशानी खड़ी कर दी है। स्थानीय नागरिक संगठनों ने मांग की है कि यदि मौसम साफ बना रहता है, तो नगर पालिक निगम को प्राथमिक रूप से सडक़ों पर सुधार कार्य शुरू करना चाहिए। कम से कम इमल्शन का स्प्रे तो किया जाए, जिससे धूल नियंत्रण में रहे और वायु प्रदूषण से राहत मिल सके।
कोयलांचल में और बुरी स्थिति
कोरबा जिले के कोयलांचल कुसमुंडा, गेवरा और दीपिका क्षेत्र में सडक़ों को लेकर समस्या पहले से ही है। बारिश में परेशानियां और ज्यादा बढ़ गई है। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की माइंस से कोयला लोड कर प्रतिदिन जाने वाली सैकड़ो गाडिय़ां मुख्य सडक़ों का उपयोग करते हैं। इन्हीं पर से होकर आम आवागमन होता है। गाडिय़ों से गिरने वाली कोल्डेस्ट लोगों के लिए मुश्किल का बड़ा कारण पहले से ही बनी हुई है। वर्तमान में यहां वहां पानी के संपर्क में आकर कीचड़ जैसे हालात हैं तो कई जगह कीचड़ के सूखने से भी मुश्किल है। कॉल फील्ड्स इलाके में लंबे समय से इस प्रकार की मुश्किलों से लोगों का सामना हो रहा है। ट्रेड यूनियन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर वह समस्या का समाधान करने को लेकर अपनी ओर से क्या कुछ भूमिका निभा रहा है।