आरबीआई की एमपीसी बैठक शुरू, मजबूत जीडीपी और घटती महंगाई के बीच रेपो दर पर रहेगी नजर

नईदिल्ली 0३ दिसम्बर ।
भारतीय रिजर्व बैंक की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक आज से शुरू हुई। एमपीसी के सदस्य जीडीपी वृद्धि और महंगाई के नवीनतम आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीति की भावी दिशा पर विस्तृत चर्चा करेंगे। नीतिगत नतीजों की घोषणा आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा शुक्रवार सुबह 10 बजे करेंगे। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब भारत का आर्थिक प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है और महंगाई में तेजी से गिरावट आई है। चालू वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही, जुलाई-सितंबर की अवधि में जीडीपी का आंकड़ा 8.2 प्रतिशत पर रहा। वहीं महंगाई रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है। सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार भारत की खुदरा महंगाई अक्तूबर 2025 में तेजी से गिरकर 0.25 प्रतिशत पर आ जाएगी। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय बैंक इस बैठक में रेपो दर को अपरिवर्तित रख सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि आरबीआई दिसंबर 2025 में रेपो दर को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखेगा। साथ ही रुख को तटस्थ बनाए रखने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि महंगाई में और कमी आने की उम्मीद है और यह आरबीआई के अपने अनुमानों से भी नीचे आ सकती है।
संभावित ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश के बावजूद, आरबीआई आगामी नीति समीक्षा में सतर्कता बरत सकता है। इस बीच वर्तमान स्थिति को देखते हुए केयरएज रेटिंग्स के एमडी और ग्रुप सीईओ मेहुल पंड्या ने बताया कि मजबूत जीडीपी वृद्धि और कई वर्षों से कम महंगाई दोनों ही ब्याज गर निर्णयों के लिए विपरित संकेत देते हैं। उन्होंने कहा कि ये दोनों घटनाक्रम ब्याज दर के दृष्टिकोण से परस्पर विरोधी ताकतें हैं। केंद्रीय बैंक आमतौर पर जीडीपी वृद्धि द्वारा दर्शाई गई मजबूत आर्थिक गतिविधि की अवधि के दौरान ब्याज दरों में कटौती नहीं करते हैं। साथ ही, केंद्रीय बैंक आमतौर पर कम महंगाई वाले माहौल में ब्याज दरों में कटौती करके प्रतिक्रिया देते हैं।

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