नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अलावा उसके अनुषांगिक संगठन भी पंच परिवर्तन के विचार पर अमल करेंगे। इस बारे में प्रस्ताव पर जबलपुर में 30 अक्टूबर से एक नवंबर तक होने वाली संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में चर्चा की जाएगी। सोमवार को शीर्ष टोली ने इसके लिए सभी अनुषांगिक संगठनों से वार्षिक रूपरेखा मांगी है, ताकि उसके क्रियान्वयन पर विचार किया जा सके।

जबलपुर के विजय नगर स्थित कचनार क्लब परिसर में अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक की तैयारी के लिए संघ के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के बीच बैठकों का सिलसिला चल रहा है। इसके लिए संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, केसी मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, आलोक कुमार और अतुल लिमये पहले ही आ चुके हैं।

भाषाई प्रचारकों ने गुजराती, पंजाबी और मराठी समूहों के प्रतिनिधियों से संवाद भी किया। इसके अलावा तीन सामाजिक बैठकों में भी अखिल भारतीय पदाधिकारियों के साथ क्षेत्रीय टोली के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

‘पंच परिवर्तन’ संघ की दूरदर्शी पहल

उल्लेखनीय है कि संघ ने अपने स्थापना के शताब्दी वर्ष (2025-26) को दृष्टिगत रखते हुए अक्टूबर 2026 तक के लिए ‘पंच परिवर्तन’ नामक एक दूरदर्शी पहल तय की है। इस पहल का उद्देश्य समाज और संगठन के विभिन्न स्तरों पर व्यापक परिवर्तन लाना है। पंच परिवर्तन के अंतर्गत संगठन, समाज, व्यक्ति, परिवार और वातावरण के आयामों में सुधार और संवर्धन पर विशेष बल दिया गया है।

RO No. 13467/7