चंडीगढ़। संयुक्त किसान मोर्चा ने सर्वदलीय बैठक कर घोषणा की है कि पंजाब सरकार लैंड पूलिंग पॉलिसी को रद करे नहीं तो तीन कृषि कानूनों को लेकर जैसा धरना दिल्ली में दिया गया था वैसा ही धरना पंजाब सरकार के खिलाफ लगाया जाएगा। एसकेएम के सदस्यों ने दो टूक कहा कि सरकार को पॉलिसी वापस लेने पर मजबूर कर दिया जाएगा। किसान भवन में हुई इस बैठक में आम आदमी पार्टी के किसी भी प्रतिनिधि ने हिस्सा नहीं लिया, जबकि भाजपा, कांग्रेस समेत राज्य की 10 राजनीतिक दलों ने संयुक्त किसान मोर्चा को अपना समर्थन दिया। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि बैठक में आने का निमंत्रण कैबिनेट मंत्री व पार्टी के प्रदेश प्रधान अमन अरोड़ा को दिया गया था। उन्होंने भरोसा दिया था कि वह बैठक में शामिल होंगे। इसके बावजूद सरकार का कोई भी प्रतिनिधि बैठक में नहीं आया। अहम बात यह रही कि तीन कृषि कानून के खिलाफ 2020 में किसानों ने भाजपा को निशाने पर रखा था।
भाजपा के प्रतिनिधि डॉ. सुभाष शर्मा और केवल ढिल्लों भी शामिल हुए, जबकि कांग्रेस से पूर्व मंत्री रणदीप नाभा और हैप्पी खेड़ा देर से बैठक में पहुंचे। सुभाष शर्मा ने कहा कि भाजपा लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ है। पार्टी द्वारा किसानों से संपर्क अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, केवल ढिल्लों ने भी कहा कि भाजपा किसानों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने घोषणा की कि पंजाब सरकार जहां-जहां पर जमीन का अधिग्रहण कर रही है, संयुक्त किसान मोर्चा वहां 30 जुलाई को ट्रैक्टर मार्च निकालेगी।