
नईदिल्ली 0५ दिसम्बर।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन राष्ट्रपति भवन पहुंच चुके हैं, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति भवन पहुंचने पर पुतिन को 21 तोपों की सलामी दी गई। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर हैं। गुरुवार को वह दिल्ली पहुंचे, जहां पीएम मोदी ने खुद एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। आज रूसी राष्ट्रपति के दौरे का दूसरा दिन है। आज पुतिन और पीएम मोदी 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। आज की मीटिंग में सारा फोकस ट्रेड, डिफेंस और एनर्जी से जुड़े कई समझौतों पर होगा जिसका ऐलान दोनों नेता जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेस में करेंगे। शाम को 7 बजे पुतिन भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ मीटिंग के लिए राष्ट्रपति भवन जाएंगे। 2022 में रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से यह पुतिन का पहला भारत दौरा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में व्लादिमीर पुतिन के स्वागत की तैयारियां चल रही हैं, जहां रूसी राष्ट्रपति का चार वर्षों में पहली बार भारत दौरे पर औपचारिक स्वागत किया जाएगा। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के औपचारिक स्वागत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति भवन पहुंचे। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने उनका स्वागत किया। 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में रक्षा सहयोग को मजबूत करना, बाहरी दबावों से द्विपक्षीय व्यापार को सुरक्षित रखना और स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर पर सहयोग के नए रास्ते तलाशना मुख्य एजेंडा रहेगा। बातचीत के दौरान भारत रूस से कच्चे तेल के भारी आयात के कारण बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता जताएगा। यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिका ने रूस से भारत की तेल खरीद पर भारी टैरिफ लगाकर नई दिल्ली-वॉशिंगटन संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है, और इसी प्रभाव पर भी चर्चा होगी।
पुतिन यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका की हालिया पहलों की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी के साथ साझा करेंगे। भारत लगातार वार्ता और कूटनीति को ही समाधान मानता आया है। ऊर्जा सहयोग भी केंद्र में रहेगा, क्योंकि ताजा अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत के तेल आयात घटने पर रूस ने कच्चे तेल पर अतिरिक्त छूट देने की पेशकश की है।
पीएम मोदी और पुतिन की आज होने वाली बैठक कई मायनों में अहम है क्योंकि इसमें तेल सप्लाई बढ़ाने, न्यूक्लियर एनर्जी क्षेत्र में सहयोग के नए विकल्प खोजने और स्-400 एयर डिफेंस सिस्टम व स्ह्व-57 फाइटर जेट जैसी डिफेंस डील्स पर चर्चा होने की उम्मीद है। बदलते भू-राजनीतिक माहौल में पुतिन का यह दौरा भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी की मजबूती और उसकी निरंतर अहमियत को दर्शाता है। आज रूस के रोसाटॉम के साथ छोटे मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर (स्रूक्र) की डील पर भी मुहर लग सकती है।


















