
कोरबा। जल की धारा के साथ नौकायान कराने के साथ अपनी जीविका चलाने वाले नाविकों के सामने अब चुनौती है नए विकल्प की। कोरबा जिले के बुका और सतरेंगा में ऐसे लोगों का सहारा नाव से छूट गया है। इन इलाकों में कभी विपुल जलराशि हुआ करती थी जो अब बेहद कम हो गई है।
इस वजह से यहां सैलानियों की आमदरफ्त कम हो गई है। ऐसे में नाव भी नहीं चल सकते और न ही जीविका। महादेव प्रकृति दर्शन केंद्र सतरेंगा और बुका जल विहार का विकास पिछले वर्षों में प्रशासन व फारेस्ट की ओर से कराया गया। महिलाओं के स्वसहायता समूहों को यहां से रोजगार मिला और नाविकों के हाथ को अच्छे काम। इससे उनकी बेहतर आमदनी हो रही थी। मई के शुरुआती दिनों से इन स्थानों के आसपास जल भराव में गिरावट आई और अब एक बड़ा हिस्सा सूख गया है। पानी की दूरी बढ़ जाने से हर किसी को पीछे होना पड़ा है।