संभल। हिंसा में आरोपित सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को नोटिस (बीएनएसएस 35) देने के लिए एसआइटी ने सोमवार को उनके आवास पर दस्तक दी। पड़ोसियों ने टीम को सांसद और उनके स्वजन के दिल्ली में होने की जानकारी दी। लिहाजा टीम देर रात दिल्ली पहुंच गई। पुलिस ने दिल्ली में सांसद को नोटिस थमा दिया है। सांसद हिंसा में गिरफ्तारी को लेकर हाई कोर्ट के स्टे पर है।

एसआइटी को सांसद के आवास पर कोई नहीं मिला

एएसपी श्रीश्चंद्र ने बताया कि एसआइटी को सांसद के आवास पर कोई नहीं मिला है। इधर, जामा मस्जिद इंतेजामिया कमेटी के सदर एडवोकेट जफर अली की गिरफ्तारी के विरोध में जिला बार एसोसिएशन ने 27 मार्च तक कलमबंद हड़ताल का एलान किया है। 27 को ही जिला जज की अदालत में जफर अली की जमानत अर्जी पर सुनवाई है।

जफर अली की गिरफ्तारी पूरी तरह अन्यायपूर्ण- वकील

अधिवक्ताओं का कहना है कि जफर अली की गिरफ्तारी पूरी तरह अन्यायपूर्ण है और पुलिस ने उन्हें बदले की भावना से गिरफ्तार किया है। इस दौरान अधिवक्ताओं ने शहर में जुलूस भी निकाला। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि सांसद दिल्ली में मिले। टीम ने उन्हें वहीं पर नोटिस दे दिया है।

जामा मस्जिद के सर्वे के विरोध में 24 नवंबर, 2024 को हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी, 30 अधिकारी व पुलिसकर्मी घायल हुए थे। मामले में सात प्राथमिकी पुलिस ने दर्ज कराई, चार मृतकों के स्वजन और एक प्राथमिकी घायल की ओर से कराई गई थी। पुलिस की ओर से दर्ज छह प्राथमिकी में चार्जशीट लग चुकी है।

सांसद बर्क पर लटकी तलवार

दारोगा दीपक राठी की ओर से दर्ज एक मुकदमे (अपराध संख्या 335/24) में चार्जशीट नहीं लगी है। इसी में सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल नामजद और 700-800 अज्ञात आरोपित हैं।  हाई कोर्ट ने सांसद बर्क की याचिका पर गिरफ्तारी पर स्टे देने के साथ जांच में सहयोग करने को कहा है।