
कोरबा। कला नगरी के रूप में प्रसिद्ध रायगढ़ में संस्कार भारती छत्तीसगढ़ की 24 वीं साधारण सभा 5- 6 जुलाई 2025 को संपन्न हुई । पलाल साधारण सभा के मुख्य अतिथि के रूप में संस्था के प्रथम मार्गदर्शक प्रदीप देशपांडे बिलासपुर ने उपस्थित समस्त सदस्यों को कार्यकर्ता की विशेषता एवं आवश्यकता से अवगत कराया । उन्होंने कहा कि कला क्षेत्र का संगठन होने के नाते हमें अपने सभी कला साधक व कार्यकर्ताओं से आत्मिय संबंध बनाना आवश्यक है । कला माध्यम से समाजोत्थान एवं राष्ट्रीय उत्थान का उद्देश्य लेकर संस्कार भारती का गठन हुआ है । देश में लगभग 1200 इकाइयों के साथ यह ऐसा एकमात्र कला संगठन है जो अनेक प्रचलित विधाओं को माध्यम बनाकर देश में कार्यरत है । कला से राष्ट्र भाव जागृत करने हेतु कार्यकर्ता प्रतिबद्ध है । इस अवसर पर संस्था के प्रांतीय संरक्षक एवं छत्तीसगढ़ फिल्म एसोसिएशन के प्रांतीय संरक्षक योगेश अग्रवाल रायपुर ने कहा की कला क्षेत्र में योजनाबद्ध ढंग से विकृतियां उत्पन्न करने की साजिश चल रही है । विकृत मानसिकता से कला प्रदर्शन करने की होड सी लगी हुई है । लेकिन इन सब के बीच सकारात्मक प्रदर्शन कैसा हो यह हमारे संस्था के कार्यकर्ताओं को सोचना है । प्रदेश और देश में सकारात्मकता से कला प्रदर्शन करने वाले अनेक कलाकार एवं संस्थाएं हैं उनके साथ तादात्म्य स्थापित कर हमें नवोदित कलाकारों के समक्ष एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करना होगा ।
साधारण सभा की अध्यक्षता कर रही गोंडी भाषा की विशेषज्ञ एवं इस वर्ष मध्य प्रदेश में लोकमाता अहिल्याबाई होलकर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित डॉ जयमती कश्यप कोंडागांव ने प्रदेश के अनेक जिलों से आए हुए अभ्यागतों का स्वागत करते हुए कहा कि साधारण सभा में हम गत वर्ष हुए प्रदेश के कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे एवं आगामी वर्ष की योजनाओं पर विचार करेंगे । इस वर्ष संस्कार भारती द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर पारित प्रस्ताव का वाचन किया गया जिसमें हास्य विधाओं में भारतीय मूल्य बोध की पुनर्स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया गया है । वर्तमान में स्टैंड अप कॉमेडी आधुनिक अभिव्यक्ति का नया रूप है जो युवाओं को तेजी से आकर्षित कर रहा है । यह माध्यम जहां सशक्त सामाजिक सुधारों का उपकरण बन सकता है वहीं दूसरी ओर शॉर्टकट प्रसिद्धी की होड में अशोभनीय भाषा सहित धर्म , जाति , लैंगिक और अश्लीलता का भी मंच बनता जा रहा है। अत: संस्कार भारती इस विधा के कलाकारों का आवाहन करती है कि विवादास्पद विषयों से हटकर भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित मर्यादित और उद्देश्य पूर्ण हास्य का प्रदर्शन करें जिसका सपरिवार आनंद लिया जा सके। सत्र का संचालन प्रांतीय मंत्री रिजेंद्र गंजीर कांकेर ने किया ।
दूसरे सत्र में संस्था के प्रांतीय महामंत्री हेमन्त माहुलीकर ने वैधानिक कार्यवाही के अंतर्गत गत वर्ष की साधारण सभा की कार्यवाही का वाचन किया एवं अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया । इस वर्ष सभी जिलों में निर्धारित उत्सवों के अतिरिक्त बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । सभी जिलों ने पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी जयंती के अवसर पर विभिन्न प्रकार के आयोजन किये । संस्कार भारती छत्तीसगढ़ ने दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र नागपुर के सहयोग से अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित 51 चित्रों की एक श्रृंखला निर्मित की । अहिल्याबाई पर प्रदेश के कवियों ने काव्य रचनाएं भी की । अहिल्या गाथा राजश्री से राजर्षि तक तथा पुरातत्व पर आधारित स्मारिका चिरंतन का प्रकाशन भी इस वर्ष किया गया । रायपुर में रंग संस्कार महोत्सव का दूसरा आयोजन बडे पैमाने पर किया गया जिसमें तीन दिवस में चार भव्य नाटकों का प्रदर्शन हुआ । इसी कार्यक्रम में अहिल्याबाई पर चित्र माला उद्घाटित हुई जिसे प्रदेश के रायगढ़ ,बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग में भी प्रदर्शित किया गया । प्रांतीय कोषाध्यक्ष जागेश्वर सिंह मानसर ने गत वर्ष का आय-व्यय एवं अगले वर्ष का बजट प्रस्तुत किया?। इसी सत्र में प्रांतीय प्रबंधकारिणी द्वारा पारित संविधान संशोधन के प्रस्ताव को सभा के समक्ष रखा गया । श्रद्धांजलि सभा में श्री अरुण दास वैष्णव ने प्रदेश के कला एवं साहित्य जगत के सभी मूर्धन्य कलाकारों सहित सदस्यों के परिजनों के नाम सभा के समक्ष रखे जिनका निधन हो गया है । उन्हें मौन श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।