गोरखपुर, १९ अक्टूबर ।
भटहट उपकेंद्र से 40 लाख रुपये का पावर ट्रांसफार्मर बेचने के मामले में एसडीओ राम इकबाल और जेई अजय सिंह को शनिवार रात निलंबित कर दिया गया। दोनों को आजमगढ़ के मुख्य अभियंता कार्यालय से संबद्ध किया गया है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने निलंबन का आदेश जारी किया। मामले की जांच विद्युत वितरण मंडल प्रथम के अधीक्षण अभियंता डीके सिंह ने की है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई हुई है।अब इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने का भी रास्ता साफ हो गया है। पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता तीन एमवीए थी। अभी कुछ अन्य पर भी कार्रवाई की जा सकती है।दैनिक जागरण ने आठ अक्टूबर के अंक में कर्मियों ने बेच दिया 40 लाख का ट्रांसफार्मर शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर का संज्ञान लेकर बिजली निगम के चेयरमैन डा. आशीष गोयल ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शंभू कुमार को जांच कराने के लिए कहा था। विद्युत वितरण मंडल प्रथम के अधीक्षण अभियंता डीके सिंह की अध्यक्षता में राप्तीनगर के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) अभिषेक कुमार, विद्युत भंडार खंड के एक्सईएन अमित कुमार और विद्युत माध्यमिक कार्यखंड के एक्सईएन सुजीत कुमार गुप्ता की जांच टीम का गठन किया।टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर शनिवार को कार्रवाई की संस्तुति की गई। इससे पहले अधीक्षण अभियंता डीके सिंह ने ही कैंपियरगंज में बिजली चोरी के मामले में दर्ज एफआईआर निरस्त करने की संस्तुति करने वाले एक्सईएन समेत अन्य अभियंताओं व कर्मचारियों के खिलाफ जांच की थी। तब कैंपियरगंज के एक्सईएन, एसडीओ व जेई को निलंबित कर दिया गया था। दो निविदाकर्मियों को बर्खास्त किया गया था। भटहट उपकेंद्र में वर्ष 2024 में तीन-तीन एमवीए क्षमता के दो पावर ट्रांसफार्मर लगे थे। उपभोक्ताओं की संख्या बढऩे के कारण तब दोनों ट्रांसफार्मरों पर लोड बढ़ गया। इसे देखते हुए ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। नवंबर 2014 में तीन-तीन एमवीए के दोनों ट्रांसफार्मरों की जगह पांच-पांच एमवीए के दो ट्रांसफार्मर लगाए गए। उस समय दोनों तीन-तीन एमवीए के ट्रांसफार्मर अच्छी स्थिति में थे। इन्हे उपकेंद्र में रख दिया गया। कुछ वर्ष बाद पांच एमवीए के एक ट्रांसफार्मर की जगह 10 एमवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर स्थापित किया गया। इस तरह तीन-तीन एमवीए के दो और पांच एमवीए क्षमता का एक पावर ट्रांसफार्मर भटहट उपकेंद्र में रख दिया गया। पिछले दिनों पता चला कि तीन एमवीए के एक ट्रांसफार्मर को बेच दिया गया है। बाजार में इसकी कीमत तकरीबन 40 लाख रुपये है।भटहट उपकेंद्र पर वर्ष 2014 में विद्युत माध्यमिक कार्यखंड के तत्कालीन जेई ने तीन एमवीए की जगह पांच एमवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर लगवाया था।
उस समय तैनात जेई वर्तमान में जिले में एसडीओ हैं। सूत्रों का कहना है कि तब पावर ट्रांसफार्मर हटाने के बाद उपकेंद्र में ही रख दिया जाता था। जरूरत के अनुसार उसे दूसरी जगह भेजा जाता था। बाद में तीन एमवीए क्षमता के ट्रांसफार्मर लगने बंद हो गए तो एक ट्रांसफार्मर भटहट उपकेंद्र में ही रह गया।जांच टीम को ट्रांसफार्मर ले जाने का वीडियो और एक आडियो भी मिला। इसमें ट्रांसफार्मर ले जाने के समय एक कर्मचारी एसडीओ को फोन पर जानकारी दे रहा है। बताया जा रहा है कि यही आडियो वीडियो कार्रवाई का आधार बना।भटहट उपकेंद्र जिस जगह है उसके बाहर महराजगंज के श्यामदेउरवा थाने की कतरारी पुलिस चौकी है। यानी बेचने के लिए ट्रांसफार्मर पुलिस के सामने से ले जाया गया। उस समय बताया गया कि ट्रांसफार्मर कार्यशाला में भेजा जा रहा है। जबकि हकीकत यह थी कि ट्रांसफार्मर को बेच दिया गया था।