
कोरबा। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत काम कर रहे एक पंचायत सचिव राजेश बैरागी की आखिरकार रायपुर में मौत हो गई। वह कुदमुरा में पदस्थ था और लंबे समय से बीमार चल रहा था। जानकार सूत्रों ने बताया कि परेशानी की जानकारी अधिकारियों को दी गई और अपने गांव के आसपास पोस्टिंग देने की मांग भी की गई लेकिन ध्यान नहीं दिया गया।
विकासखंड कोरबा की कुदमुरा ग्राम पंचायत राजेश बैरागी की मौत के बाद अब सचिव मुक्त हो गई है। खबर के अनुसार पिछली रात रायपुर के एक अस्पताल में उपचार के दौरान पंचायत कर्मी ने अंतिम सांस ली। इससे पहले एनटीपीसी जमनीपाली स्थित शताब्दी हॉस्पिटल में उसका उपचार चल लेकिन कोई खास नतीजा नहीं आए जिस पर परिजनों ने उसे रायपुर ले जाने की व्यवस्था की। जानकारी में बताया गया कि राजेश काफी समय पहले पंचायत सचिव की नौकरी में आया था। कहा जा रहा है कि वह लंबे समय से शारीरिक समस्या से परेशान था और इससे उबरने के लिए अपने ग्रह ग्राम को कुदुरमाल या इसके आसपास पोस्टिंग चाह रहा था। उसके द्वारा इसी मसले को लेकर 1 वर्ष पहले मुख्यमंत्री की जानकारी में भी यह बात लाई गई थी जिस पर उसका ट्रांसफर करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन हुआ कुछ नहीं। जानकारी मिली है कि पिछले काफी समय से स्वास्थ्य खराब होने के कारण राजेश बैरागी कुदमुरा पंचायत में नहीं जा रहा था पुलिस का कामकाज बाधित होने को लेकर जब वहां के लोगों ने उसे पता किया तो उन्हें बीमारी की हवाला दिया गया। बताया जा रहा है कि इसके बाद राजेश से मोबाइल पर कांटेक्ट होना भी मुश्किल हो गया था। और इस बीच पिछली रात उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना से पंचायत सचिव के परिजन और शुभचिंतक दुखी हैं।
2 दिन पहले ट्रांसफर आदेश निकाला
इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अपनी बला टालने के लिए पंचायत विभाग ने 16 मई शुक्रवार को राजेश का स्थानांतरण आदेश जारी किया। यानी उसकी मृत्यु से कुछ घंटे पहले। जबकि मृतक लंबे समय से अपने स्थानांतरण को लेकर अधिकारियों के पास चिरौरी कर रहा था लेकिन उस समय गंभीरता दिखाने की जरूरत नहीं समझी गई।