जाजगीर-चापा। जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रो में एटीएम की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। एटीएम सेन्टरों में ना तो सुरक्षा कर्मियो की तैनाती की जाती है और ना ही सीसीटीवी कैमरे की समुचित व्यवस्था बन पाई है। चोरी के प्रयास में एटीएम के तोडफोड के मामले सामने आते रहते है।
गौरतलब है कि जांजगीर चाम्पा जिले में 25 से अधिक राष्ट्रीय कृत बैंकों का संचालन किया जा रहा है। जिनमें एसबीआई, पीएनबी, कैनरा, बैंक आफ बडोदरा, बैंक आफ इंडिया, एक्सीस, आंध्रा, ओरियंटल, बैंक आफ महाराष्ट्र, ग्रामीण, जिला सहकारी सहित अन्य बैंको का संचालन किया जा रहा है। इधर ग्राहको की सुविधाओं को ध्यान में रखकर बड़े पैमाने पर बैंको के एटीएम सेन्टर भी खोले गए है ताकि लोग समय के अनुसार एटीएम के माध्यम से राशि जमा एवं आहरण कर सके। वही देखा जाए तो कई एटीएम केन्द्रों में ना तो सुरक्षा कर्मियों की समुचित तैनाती की गई है और कई जगहों के एटीएम सेन्टरो में सीसी टीवी कैमरे नहीं लगाए गए है। ऐसे में कई बार चोर चोरी का प्रयास करते है। एटीएम में तोडफोड एंव केन्द्र के सामानो के चोरी करने के मामले भी लगातार सामने आते रहे है। इसे लेकर बैंको के जिम्मेदार प्रबंधको को कोई सरोकार तक नहीं है। इधर देखा जा तो भारत सरकार के बैंक एंव निजी संस्थानों के बैंको के द्वारा प्रबंधक सहित अन्य
को सालाना लाखो रूपए का वेतनमान देती है। ताकि प्रबंधको के साथ साथ कार्यरत स्टाफ ग्राहको को बेहतर सेवा देने के साथ एटीएम के माध्यम से राशि आहरण एवं पैसे जमा करने में सहुलियत हो सके। वही जिम्मेदार बैंक के अफसरो को एटीएम की सुरक्षा एवं रखरखाव को लेकर कोई सरोकार तक नहीं है। जिला मुख्यालय जांजगीर के नेताजी चौक, केरा रोड, नैला रोड, चाम्पा के स्टेशन रोड, बेरियर चौक, मंझली तालाब सहित अकलतरा, बलौदा, शिवरीनारायण, नवागढ, पामगढ़ सहित कई जगहो के ग्रामीण क्षेत्रो में भी ग्राहको की सुविधाओ को ध्यान में रखकर बैंको के साथ साथ एटीएम सेन्टर का संचालन तो किया जा रहा है, लेकिन इन एटीएम सेन्टरों में सुरक्षा कर्मियो के साथ सीसी टीवी कैमरा भी नजर नही आतां। ऐसे में एटीएम की सुरक्षा को लेकर तरह तरह के सवाल खड़े हो रहे है। असामाजिक तत्व कई बार यहां तोडफ़ोड़ भी करते है। एटीएम सेंटरों में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती नहीं होने के कारण असामाजिक तत्व नुकसान पहुंचा रहे है। आए दिन कसी ना। कसी एटीएम काउंटर में तोडफोड़ के मामले सामने आते रहते है। एटीएम में तोडफोड एंव केन्द्र के सामानों के चोरी करने के मामले भी लगातार सामने आते रहे है। इसे लेकर बैंको के जिम्मेदार प्रबंधको को कोई सरोकार तक नहीं है। इधर देखा जा तो भारत सरकार के बैंक एव निजी संस्थानों के बैंको के द्वारा प्रबंधक सहित अन्य स्टाप को सालाना लाखो रूपए का वेतनमान मिलता है। इसके बावजूद जिम्मेदार बैंक प्रबंधक एटीएम सेंटरों में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती को लेकर ध्यान नहीं देते।