मालखरौदा। अनुविभाग मालखरौदा अंतर्गत ग्राम सिंघरा को उपतहसील का दर्जा मिले तीन साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आज तक यहां उपतहसील कार्यालय प्रारंभ नहीं हो सका है। शासन की राजस्व रिकॉर्ड में भले ही सिंघरा का नाम उपतहसील के रूप में दर्ज हो चुका है, लेकिन कार्यालय के संचालन को लेकर अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों में नाराजगी है।
जब कांग्रेस शासन में मालखरौदा को अनुविभाग का दर्जा मिला तो रैना जामील को पहला एसडीएम बनाया। उन्होंने गांव का दौरा कर उपतहसील कार्यालय के लिए भवन चिन्हांकित भी किया था, लेकिन कुछ स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने शासकीय भूमि पर ही कार्यालय खोलने की जिद की।
इसी विवाद के बीच चिन्हांकित स्थल पर रातों-रात कुछ कब्जाधारियों ने मकान बना लिया। एसडीएम रैना जामील के स्थानांतरण के बाद आए एसडीएम अरुण सोम ने भी जगह का निरीक्षण किया और अस्थाई रूप से यादव सामाजिक भवन में टेबल-कुर्सी लगवाकर कार्य आरंभ की कोशिश की, लेकिन फिर मामला अटक गया और अब तक उपतहसील प्रारंभ नहीं हो सकी। पूर्व जिला पंचायत सदस्य साक्षी युगलकिशोर बंजारे ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि शासकीय भूमि उपलब्ध होने के बावजूद उपतहसील का प्रारंभ न होना प्रशासन की उदासीनता दर्शाता है। ग्रामीणों की मांग है कि जल्द ही उपतहसील कार्यालय प्रारंभ कर उन्हें राजस्व कार्यों के लिए दूर-दराज न जाना पड़े।