जांजगीर। छत्तीसगढ़ में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगाने की प्रक्रिया काफी धीमी है। राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत लगभग 50 लाख पुराने वाहनों में एचएसआरपी प्लेट अनिवार्य रूप से लगाने का निर्णय लिया है। जिले में केवल 20 फीसदी वाहनों में ही नंबर प्लेट लग पाई हैं।
इसमें तेजी लाने के लिए रायपुर में बैठक हुई। इसमें परिवहन विभाग ने सभी जिलों में 80 मोबाइल टीमों का गठन करने की जानकारी दी, जो अगले तीन माह के भीतर इस लक्ष्य को पूरा करेंगी। संबंधित जिलों में मोबाइल वैन के जरिए कैंप लगाकर नंबर प्लेट लगाई जाएगी, जिससे वाहन मालिकों को आरटीओ कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इंद्रावती भवन में परिवहन सचिव एस प्रकाश और अतिरिक्त परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस अभियान की रूपरेखा तय की गई।
बैठक में संबंधित कंपनी के प्रतिनिधियों और परिवहन अधिकारियों ने भाग लिया। निर्देश दिए गए कि सभी जिलों में कैंप लगाने की तिथि और स्थान पहले से सार्वजनिक की जाए। साथ ही, प्रत्येक जिले के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर उनके मोबाइल नंबर सार्वजनिक किए जाएंगे, ताकि वाहन मालिक समय पर संपर्क कर सकें।
हर जिले में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया राज्य के प्रमुख जिलों में टीमों की संख्या तय की गई है, जैसे रायपुर में 5, बिलासपुर में 6, दुर्ग में 8, कोरबा में 5, रायगढ़ में 6, जांजगीर-चांपा में 3, अंबिकापुर में 4 और जगदलपुर में 3 टीमें काम करेंगी। वहीं दंतेवाड़ा, गरियाबंद, बालोद, बेमेतरा जैसे अपेक्षाकृत छोटे जिलों में 2-2 टीमों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अन्य जिलों में 1-1 मोबाइल टीम तैनात की जाएगी।